tag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post1735641360918021408..comments2024-03-17T14:51:29.906+05:30Comments on भड़ास blog: मीडियाई मठ, मठाधीश और 'मट्ठेबाज'यशवंत सिंह yashwant singhhttp://www.blogger.com/profile/08380746966346687770noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-65784795832182880752008-08-29T17:54:00.000+05:302008-08-29T17:54:00.000+05:30अमिताभ भाई,वो समय अब बीतता जा रहा है जब "माल मारे ...अमिताभ भाई,<BR/>वो समय अब बीतता जा रहा है जब "माल मारे गोरख नाथ और भभूत लपेटे चेला" गोरखनाथ यानि की लाला जी और चेले यानि की पत्रकार हुआ करते थे, समय आ गया है जब हमारी आपकी वास्तविक कीमत देना लाला की मजबूरी हो और संग ही पत्रकारिता को जीवंत करने की आजादी भी.<BR/>जय जय भड़ासAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-77457297329271808462008-08-28T21:29:00.000+05:302008-08-28T21:29:00.000+05:30धम धम धड़म धड़ैय्या रे... सबसे बड़े लड़ैय्या रे.. भाई ...धम धम धड़म धड़ैय्या रे... सबसे बड़े लड़ैय्या रे.. भाई लोग सिर्फ फ़न फैलाना और फ़ुफ़कारना, काटना नहीं उसी से काम बनते रहेंगे..पेले रहो....<BR/>जय जय भड़ासडॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.com