tag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post4425074190820881797..comments2024-03-17T14:51:29.906+05:30Comments on भड़ास blog: बीहड़ में ऐसी हो जाती है हालतयशवंत सिंह yashwant singhhttp://www.blogger.com/profile/08380746966346687770noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-42708014970492277352008-07-24T13:24:00.000+05:302008-07-24T13:24:00.000+05:30रुपेश भाई,सही कहा "जंगल सफ़ारी एडवेंचर" वैसे जितना ...रुपेश भाई,<BR/>सही कहा "जंगल सफ़ारी एडवेंचर" वैसे जितना मेहनत ये जंगल में करते हैं उतना रिहायशी इलाके में करते तो कई छुपे रुसतमों को पकड लेते। उन्हें तो बिलकुल जो इन डकैतों के जन्मदाता रहे हैं। <BR/>जय जय भडासAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-4699823612785936202008-07-24T09:28:00.000+05:302008-07-24T09:28:00.000+05:30योगेश भाई आपने लिखा है कि बीहड़ पार करने में पसीने ...योगेश भाई आपने लिखा है कि बीहड़ पार करने में पसीने छूट जाते हैं तो मुझे लग रहा है कि ये बंदा अपने आगे निकल गये साथियों का पता उनके पसीने की धार से लगाने की कोशिश कर रहा है और चख कर देख रहा है कि उनके बदन में नमक बचा है या सब पोकल हो गए.....<BR/>पानी की समस्या तो बस एक उपलब्धि की तरह है बीहड़ में उसे सुरम्य बनाए रखने के लिये ; अरे भाई जंगल सफ़ारी एडवेंचरस होना चाहिए न....डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.com