tag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post6857868270466464614..comments2024-03-17T14:51:29.906+05:30Comments on भड़ास blog: हंसती आंखों में भीयशवंत सिंह yashwant singhhttp://www.blogger.com/profile/08380746966346687770noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-83717632314428361242008-03-25T12:49:00.000+05:302008-03-25T12:49:00.000+05:30very impressfull.very impressfull.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12313797805658263500noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-64394206705914446122008-03-25T11:49:00.000+05:302008-03-25T11:49:00.000+05:30very beautiful...very beautiful...rakhshandahttps://www.blogger.com/profile/08686945812280176317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-47785695907256524772008-03-25T10:46:00.000+05:302008-03-25T10:46:00.000+05:30अबरार भाई, क्या बात है जिंदगी का फलसफा भर दिया आठ ...अबरार भाई, क्या बात है जिंदगी का फलसफा भर दिया आठ लाईनो में।<BR/><BR/>मुझे आपकी पक्तियो - <BR/><B>"जिंदगी चार दिन की है इसे हंस कर जी लो।<BR/>क्या रखा है आखिर जमीन ओ जात की लडाई में।।"</B><BR/>से आचार्य चार्वाक की एक उक्ती याद आ गयी, शेरो शायरी के बीच संस्कृत की उक्ति के इस्तेमाल के लिये माफ करियेगा -<BR/><B>यावत् जीवेत सुखं जीवेत, ऋणंकृत्या घृतं पिबेत्।<BR/>भस्मीभूतस्य देहस्य पुनरागमनं कुत:।।</BAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-59658744103396412262008-03-25T10:45:00.000+05:302008-03-25T10:45:00.000+05:30अबरार भाई, क्या बात है जिंदगी का फलसफा भर दिया आठ ...अबरार भाई, क्या बात है जिंदगी का फलसफा भर दिया आठ लाईनो में।<BR/><BR/>मुझे आपकी पक्तियो - <BR/><B>"जिंदगी चार दिन की है इसे हंस कर जी लो।<BR/>क्या रखा है आखिर जमीन ओ जात की लडाई में।।"</B><BR/>से आचार्य चार्वाक की एक उक्ती याद आ गयी, शेरो शायरी के बीच संस्कृत की उक्ति के इस्तेमाल के लिये माफ करियेगा -<BR/><B>यावत् जीवेत सुखं जीवेत, ऋणंकृत्या घृतं पिबेत्।<BR/>भस्मीभूतस्य देहस्य पुनरागमनं कुत:।।</BAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-80471033362861226832008-03-25T00:17:00.000+05:302008-03-25T00:17:00.000+05:30अबरार अहमद भाई अब किस किस शेर की तारीफ़ करे हर शेर ...अबरार अहमद भाई अब किस किस शेर की तारीफ़ करे हर शेर एक से बड कर एक हे,बहुत बहुत शुक्रिया इतने अच्छे शेरो के लिये.<BR/>जिस सुकून के लिए भटकता रहा दर दर अबरार।<BR/>या खुदा वो छुप कर बैठी रही कहीं तेरी खुदाई में।।राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-58463093357513871862008-03-25T00:15:00.000+05:302008-03-25T00:15:00.000+05:30अबरार अहमद भाई अब किस किस शेर की तारीफ़ करे हर शेर ...अबरार अहमद भाई अब किस किस शेर की तारीफ़ करे हर शेर एक से बड कर एक हे,बहुत बहुत शुक्रिया इतने अच्छे शेरो के लिये.<BR/>जिस सुकून के लिए भटकता रहा दर दर अबरार।<BR/>या खुदा वो छुप कर बैठी रही कहीं तेरी खुदाई में।।राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-64551801546607151622008-03-25T00:14:00.000+05:302008-03-25T00:14:00.000+05:30अबरार अहमद भाई अब किस किस शेर की तारीफ़ करे हर शेर ...अबरार अहमद भाई अब किस किस शेर की तारीफ़ करे हर शेर एक से बड कर एक हे,बहुत बहुत शुक्रिया इतने अच्छे शेरो के लिये.<BR/>जिस सुकून के लिए भटकता रहा दर दर अबरार।<BR/>या खुदा वो छुप कर बैठी रही कहीं तेरी खुदाई में।।राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com