मीट में मिले मीत
पर बाद में
पहले मिली अंग्रेजी
जो पल्ले नहीं पड़ी
बाद में चली हिंदी
खूब जमी हिंदी
कड़ाके की ठंड में
जो मिली गर्मी
वो हिंदी से मिली
जो बात बनी
वो हिंदी से बनी
जिसने चकराया
पहिया घुमाया
वो चक्रधर आया
हिंदी की माया का
रूतबा खूब जमाया
यशवंत ने गर्मी
दहकाई वो हिंदी
अंग्रेजी को बिठाया
हिंदी ने, रंग जमाया
समां खूब महाकाया
हिंदी ने, सबके मन
आनंद आया
सब हंसे हंसाये
सिर्फ हिंदी में।
अपुन को भी था खटका
ReplyDeleteशायद इसीलिए था मन
कुछ अटका अटका
हिन्दी है छाई हिन्दी है भायी
सुनकर मन गज़ब हर्षित हुआ
बाग बाग ये दिल सौ बार हुआ
जय हिन्दी....
अपुन को भी था खटका
ReplyDeleteशायद इसीलिए था मन
कुछ अटका अटका
हिन्दी है छाई हिन्दी है भायी
सुनकर मन गज़ब हर्षित हुआ
बाग बाग ये दिल सौ बार हुआ
जय हिन्दी....
अविनाश जी ने हिंदी महिमा गाई
ReplyDeleteयशवंत जी ने हिंदी गरिमा बढ़ाई
चक्रधर जी ने जो पहिया घुमाया
सबने मिलकर उसकी गति बढ़ाई
मिल मिल गाओ बधाई हो बधाई