अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
मुकुल भाई, भलमनसाहत का तो जमाना ही नहीं है ,अगर साले सीधे से नहीं मानते तो किसी वकील जीजाजी से सलाह लेकर डंडा कर ही डालिए...
JIJU SE BAAT HO GAI
मुकुल भाई, भलमनसाहत का तो जमाना ही नहीं है ,अगर साले सीधे से नहीं मानते तो किसी वकील जीजाजी से सलाह लेकर डंडा कर ही डालिए...
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