सुन लो लगा के सारे कानगणेश जी चलें हैं अपने धाम
अगले साल आयेंगें
रिद्धि -सिद्धि संग लायेंगें
बनायेंगें बिगडे काम , गणेश जी चले हैं......
धूम धाम से विदा करो
मन में ना कोई गिला करो
नोट करके चलें हैं सबके नाम,गणेश जी चले हैं......
दस दिनों में पहचान लिया
गणेश को अपना मान लिया
तू ही सुख सम्पति की खान,गणेश जी चले हैं.....
गलती हो तो माफ़ करो
मन को अपने साफ करो
हम तो बालक हैं नादान। गणेश जी चले हैं.......
----------गोविन्द गोयल श्रीगंगानगर[०९४१४२४६०८०]
गणेश हों या गंगा,
ReplyDeleteमत करो इसको गंदा.
भाई,
जाती पाती धर्म कर्म से ऊपर मानवता के लिए कुछ भी कर गुजरने वाले इन ओछी बातों को कभी गले नहीं लगाते.
जय जय भड़ास