मंत्री का पी.ए. बोला- मंत्री जी जनता चिल्ला रही है, आखिर आपकी सरकार महंगाई पर लगाम केसे लगाएगी? अबे चुप कर न- तू समझा कर जनता की तो आदत है, कुछ दिन चिल्लाएगी फिर उसको महंगाई की आदत जो पड़ जायगी. नितिन सबरंगी
आदत पङना दोष है, आदत पङना पाप. आदत वश ही चल रहा, जगमें सारा पाप. जगमें सारा पाप, कि मानव दुख पाता है. अपने ही पापों से डरकर घबराता है. कह साधक कवि बहुत सरल है मानव बनना. परम्परा से आ जाता है आदत पङना.
आदत पङना दोष है, आदत पङना पाप.
ReplyDeleteआदत वश ही चल रहा, जगमें सारा पाप.
जगमें सारा पाप, कि मानव दुख पाता है.
अपने ही पापों से डरकर घबराता है.
कह साधक कवि बहुत सरल है मानव बनना.
परम्परा से आ जाता है आदत पङना.
Dhaneywad saadhak ji.
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