कह दी। लड़का देखने में सज्जन था, शायद तभी आराम से बगैर कुछ कहे ऑटो से उतर गया। और उस जगह लड़की बैठ गयी। लड़की जब ग़ाज़ियाबाद में उतर गयी। तब मैंने ऑटो वाले से पूछा यार तुमने पहल ऑटो में लड़के को उतार कर लड़की को जगहे क्यों दी। जबकि दोनों बराबर पैसे देते। इस पर ऑटो वाले का जवाब सुनकर मैं हैरान हो गया। उसका जवाब था कि भाई साहब आपको नहीं पता लड़की को ऑटो में बैठाने से सवारी ज्यादा मिल जाती है। इसीलिए मैंने उस आदमी को उतार दिया। लड़की के ऑटो में होने से अन्य सवारियों का भी मन लगा रहता है। और सवारी पैसे देने में चिक चिक भी नहीं करती। और अगर ऐसा करने में मुझे ज्यादा पैसे मिलते है तो मैं ऐसा क्यों न करू। आप खुद ही ब
ताये......तब मैं ऑटो में लड़की के महत्व को समझा।
सूरज सिंह।
Sach hai!!!
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