3.7.11

स्वामी जय लोकपाल हरे !


स्वामी जय लोकपाल हरे !

लोकपाल भगवान के अन्ना बने पुजारी ;
भगवन ! तुम रक्षा करो ;बढ़ गए भ्रष्टाचारी ,
''कमल'' चढ़ावत  चरण में ;तुम्ही आस हमारी ,
''हाथ '' साथ न देत है ;विपदा पड़ गयी भारी.

                                  शिखा कौशिक  

1 comment:

  1. ek bar fir shandar prastuti.ab to isi ki aadat see ho gayee hai.shikha ji aabhar.

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