30.11.11

सोयी हैं जिनकी रूहें आओ उन्हें झंकझोर दें !


blindfolded lady with sword in right hand held vertically down to floor, and a set of balance scales in her left hand held neck high


कुछ दिन  पूर्व भारत के सर्वोच्च  न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश  न्यायमूर्ति श्री  एस.एच.कपाडिया ने भ्रष्ट जजेस के नाम उजाकर करने की जनता से अपील की थी .इसके दो दिन बाद ही'' टीम अन्ना '' व् ''INDIA AGAINST CORRUPTION ''के मुख्य कार्यकर्ता  श्री अरविन्द केजरीवाल ने डॉक्टर किरण बेदी जी के  खिलाफ F .I .R .दर्ज कराने का आदेश देने वाले  जज पर दबाव में  ऐसा आदेश देने का आरोप  लगाकर न्याय के क्षेत्र  में बढ़ते  भ्रष्टाचार की ओर  सबका ध्यान आकृष्ट कर दिया . उन्होंने कहा कि -
 '' जज साहब ने 'फर्जी शिकायत पर किरन बेदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया इससे ऐसा लगता है कि वह दवाब में थे।'' 
 न्याय की गद्दी पर बैठे व् न्याय दिलवाने वाले ही भ्रष्ट हो जायेंगे तो  समाज को अपराध -अन्याय के  गहरे गर्त में जाने से कौन रोक सकता है ?आज यह जरूरी हो गया है जनता सजग बने .अन्याय का विरोध करे -


जो कलम रिश्वत की स्याही से लिखे इंसाफ को 
मुन्सिफों की उस कलम को आओ आज तोड़ दें .

जो लुटे इंसाफ की चौखट पे माथा टेककर;
टूटे हुए उनके भरोसे के सिरों को जोड़ दें . 

कितने में बिकते गवाह; कितने में मुंसिफ बिक रहे 
आओ चुप्पी तोड़कर इन सबका भांडा फोड़ दें .

जो जिरह के नाम पर लोगों की इज्जत तारते 
ए शिखा !उनसे कहो कि वे वकालत छोड़ दें .

इंसाफ की गद्दी पे बैठे हैं  , इसे  ही बेचते  
सोयी हैं जिनकी रूहें आओ उन्हें झंकझोर दें .

                                    शिखा कौशिक 

Satya Chakra Flaxseed


Dear Sir/ Madam, 

These are the full page articles about Flaxseed published in the month of July, August & November, 2011 in Satya Chakra of Gaziabad Delhi. Satya Chakra is   partner of     Flax Awareness Society    and has played a major role in  Awareness of Flaxseed  in Delhi, Haryana  and  UP area. Flax Awareness is highly thankful to   Mr. Lalit Bindal Sahib who is Chief Editor 

of Satya Chakra.  

Dr. Om




गीता पढूं : क्या और कोई काम नहीं है मुझे और आपको भी

गीता जयंती : पर में गीता क्यों पढूं ?


क्या गीता नहीं पढूंगा तो में हिन्दू नहीं रहूंगा . 
मुझे सब पता है , 
गीता रामायण ये सब पंडितों के ढकोसले हैं 
मुझे पता है , भगवान् तो दिल में होते हैं . 
अरे क्या पता भगवान् है भी या नहीं 
बच्चों को बहकाने का तरीका है 
भाई कमाने खाने दो , और तुम भी खाओ 

happy gita jayanti to you 

6th december, 2011

but why ?

we should give our time to gita study !, this is my first question . 

i am doing my life good, trying to fight with the situation, as every-body,
trying to make use of opportunities arround me. 
i am trying to lead my life, smooth, and without problems, 

can gita do anything, to improove it, or it is just a relegious book like so many relegious books of hindu's , christians, muslims, sikhs, jains etc, praising for their relegious thoughts. 

how it is different !

answer : 

there is something different, that is why, so many scholors , who are not hindus, and who do not have enough free time, for these kind of relegious books , read it.  

one of the top personality was the father of first atomic bomb : robert oppenheimer. 

he was not hindu, (was a jew), not having much free time ( was a physicist, leading a team of 5000  scientists, working against time, for making the atomic bomb), never went to a hindu mandir, used to read gita from the age of 28 , and not in english, but in sanskrit. 

there are similar thousands of the known celebraties in different fields, from across the globe, who have praised the gita .  you can see some of them on the link :http://www.hinduwisdom.info/quotes1_20.htm

there has to be some reason in favour of its study by all  :  you can find yourself. 

but if by chance you want to learn basics of sri gita, one to one,personally, and free of any obligation  , from the comforts of your home, then write me back i would give you the link : 

some good links about gita jee: 


gita jee in 16 languages : 


ॐ 

The International Gita Society Wishes you and Your Family Happy sri gita jayanti .

Jaydeep Chaudhari
Vice President,
International Gita Society,
511 Lowell Place,
Fremont, CA 94536-1805 USA


Please visit our FREE e-satsang, and 24/7 Gita Radio, Bhajans at www.gita-society.com/esatsang.

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gita jayanti : 

this is  the day on which the gita was spoken by lord krishna to his friend arjun in the battle fields of kuruchetra (in haryana, india, some 200 km from delhi)

When is Gita Jayanti 2011 in 2011 ? 
Well, 2011 Gita Jayanti date is 
Tuesday, 6th December.
Gita Jayanti is a religious festival of Hindus which is celebrated to commemorate the birth day of ‘Srimad Bhagwat Gita’, the sacred scripture containing invaluable advises of Lord Krishna that he proffered to Arjuna, the third Pandava in the battlefield of Kurukshetra. Geeta Jayanthi is held on ‘Ekadashi’ (the eleventh day) during the bright half of month ‘Margashirsha’ (November- December).
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क्यों मनाते हैं गीता जयंती?

why we celebrate gita jayanti ?

this year Gita Jayanti date is :

Tuesday, 6th December.










विश्व के किसी भी धर्म या संप्रदाय में किसी भी ग्रंथ की जयंती नहीं मनाई जाती। हिंदू धर्म में भी सिर्फ गीता जयंती मनाने की परंपरा पुरातन काल से चली आ रही है क्योंकि अन्य ग्रंथ किसी मनुष्य द्वारा लिखे या संकलित किए गए हैं जबकि गीता का जन्म स्वयं श्रीभगवान के श्रीमुख से हुआ है-

या स्वयं पद्मनाभस्य मुखपद्माद्विनि:सृता।।

श्रीगीताजी का जन्म धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में मार्गशीर्ष मास में शुक्लपक्ष की एकादशी को हुआ था। यह तिथि मोक्षदा एकादशी के नाम से विख्यात है। गीता एक सार्वभौम ग्रंथ है। यह किसी काल, धर्म, संप्रदाय या जाति विशेष के लिए नहीं अपितु संपूर्ण मानव जाति के लिए हैं। इसे स्वयं श्रीभगवान ने अर्जुन को निमित्त बनाकर कहा है। इसलिए इस ग्रंथ में कहीं भी श्रीकृष्ण उवाच शब्द नहीं आया है बल्कि श्रीभगवानुवाच का प्रयोग किया गया है।इसके छोटे-छोटे अठारह अध्यायों में इतना सत्य, ज्ञान व गंभीर उपदेश भरे हैं जो मनुष्यमात्र को नीची से नीची दशा से उठाक देवताओं के स्थान पर बैठाने की शक्ति रखते हैं।
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भगवद्‍ गीता के पठन-पाठन श्रवण एवं मनन-चिंतन से जीवन में श्रेष्ठता के भाव आते हैं। गीता केवल लाल कपड़े में बाँधकर घर में रखने के लिए नहीं बल्कि उसे पढ़कर संदेशों को आत्मसात करने के लिए है। गीता का चिंतन अज्ञानता के आचरण को हटाकर आत्मज्ञान की ओर प्रवृत्त करता है। गीता भगवान की श्वास और भक्तों का विश्वास है। 
ND
गीता ज्ञान का अद्भुत भंडार है। हम सब हर काम में तुरंत नतीजा चाहते हैं लेकिन भगवान ने कहा है कि धैर्य के बिना अज्ञान, दुख, मोह, क्रोध, काम और लोभ से निवृत्ति नहीं मिलेगी। 

मंगलमय जीवन का ग्रंथ है गीता। गीता केवल ग्रंथ नहीं, कलियुग के पापों का क्षय करने का अद्भुत और अनुपम माध्यम है। जिसके जीवन में गीता का ज्ञान नहीं वह पशु से भी बदतर होता है। भक्ति बाल्यकाल से शुरू होना चाहिए। अंतिम समय में तो भगवान का नाम लेना भी कठिन हो जाता है। 

दुर्लभ मनुष्य जीवन हमें केवल भोग विलास के लिए नहीं मिला है, इसका कुछ अंश भक्ति और सेवा में भी लगाना चाहिए। गीता भक्तों के प्रति भगवान द्वारा प्रेम में गाया हुआ गीत है। अध्यात्म और धर्म की शुरुआत सत्य, दया और प्रेम के साथ ही संभव है। ये तीनों गुण होने पर ही धर्म फलेगा और फूलेगा। 

गीता मंगलमय जीवन का ग्रंथ है। गीता मरना सिखाती है, जीवन को तो धन्य बनाती ही है। गीता केवल धर्म ग्रंथ ही नहीं यह एक अनुपम जीवन ग्रंथ है। जीवन उत्थान के लिए इसका स्वाध्याय हर व्यक्ति को करना चाहिए। गीता एक दिव्य ग्रंथ है। यह हमें पलायन से पुरुषार्थ की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देती है।
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गीता जयंती : शनिवार २८ नवम्बर २००९ के अवसर पर
गीता की रचनासुदर्शन

कलियुग के प्रारंभ होने के मात्र तीस वर्ष पहले, मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के दिन, कुरुक्षेत्र के मैदान में, अर्जुन के नन्दिघोष नामक रथ पर सारथी के स्थान पर बैठ कर श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश किया था। इसी तिथि को प्रतिवर्ष गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। कलि का प्रारंभ परीक्षित के राज्याभिशेष से माना जाता है, और महाभारत युद्ध के पश्चात तीस वर्ष राज्य करने के बाद युधिष्ठिर ने अर्जुन के पौत्र परीक्षित का राजतिलक किया था। इस समय कलि सम्वत ६०१० चल रहा है अत: गीता का उपदेश आज से ५१४० वर्ष पूर्व हुआ था यह बात गणित से सिद्ध है, और महीने तथा तिथि का विवरण तो महाभारत मे उल्लिखित है ही।
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कुरुक्षेत्र में गीता जयंती समारोह का आयोजन


एनबीटी न्यूज॥ कुरुक्षेत्र : धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में हर वर्ष आयोजित होने वाले गीता जयंती समारोह की रूपरेखा जिला प्रशासन, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने तैयार कर ली है। अबकी बार इस समारोह पर एक करोड़ रुपया खर्च किया जाएगा। इस बार प्रशासन ने समारोह में प्रख्यात नृत्यांगना व फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी को भी आमंत्रित किया है। 

विशाल ब्रह्म सरोवर के मध्य में स्थित पुरुषोत्तमपुरा बाग में चारों ओर मंच लगाने का इस बार प्रावधान किया गया है। इस संबंध में एडीसी सुमेधा कटारिया ने बताया कि सूरजकुंड क्राफ्ट मेले की तर्ज पर देशभर से हस्त शिल्पकार बुलाए गए हैं। प्रतिदिन भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए देशभर से कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। 

देशभर की 600 ग्रामीण विकास एजेंसियों से जुुडे़ सेल्फ गु्रपों से 1200 प्रतिनिधि भाग लेंगे। जल्दी ही समारोह की तिथियों की घोषणा कर दी जाएगी और इस बार सरकार ने गीता जयंती समारोह का बजट 30 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपया कर दिया है। उन्होंने बताया कि देश-विदेश से भारी संख्या में पर्यटक गीता जयंती समारोह में आते हैं। इसलिए बजट की धनराशि बढ़ जाने से कोशिश की जा रही है कि समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम और अच्छे स्तर के हांे।
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कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह की तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही है। समारोह स्थल ब्रह्मसरोवर को जाने वाली सभी सड़कों की मरम्मत करने के साथ-साथ डिवाइडरों पर रंगाई-पुताई का काम तेजी से किया जा रहा है। उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने बताया कि ब्रह्मसरोवर के चारों ओर सफेदी क ा काम किया जा रहा है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि ब्रह्मसरोवर के चारों ओर क्र ाफ्ट मेला  राज्यस्तरीय विकास प्रदर्शनी लगाने के साथ-साथ सरस मेला के भी राष्ट्रीय स्तर के स्वयं सहायता समूह के स्टाल लगाए जांएगे। देशभर से 450 स्वयं सहायता समूह इस सरस मेले में कला, हुनर और दस्तकारी के साथ पंहुचेंगे। आयोजन को अंतिम रुप देने के लिए उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के अधिकारियों ने केडीबी के कार्यालय में मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक बंसल व जिला सूचना व जन संपर्क अधिकारी देवराज सिरोहीवाल के साथ बैठक की। 
केडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक बंसल ने बताया कि ब्रह्मसरोवर में स्वच्छ जल भरने के साथ-साथ सफाई का काम चल रहा है। गीता जयंती समारोह के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। इन पार्किंग स्थलों में केडीबी कार्यालय के सामने दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर, रोड धर्मशाला, वीवीआईपी घाट ब्रह्मसरोवर के पश्चिम दिशा में सनहित सरोवर कालीकमली वाले भवन के सामने श्रीकृष्णा म्यूजियम के सामने के पार्किंग स्थल शामिल हैं। बंसल ने बताया कि क्राफ्ट मेले का उद्घाटन अंबाला मंडल के आयुक्त अनिल कु मार 1 दिसंबर को करेंगे। 2 दिसंबर को पुरुषोतमपुरा बाग में शाम को होने वाले गीता जयंती समारोह का उद्घाटन हरियाणा के राज्य श्री जग्गनाथ पहाडिय़ा करेंगे। 3 दिसंबर को दिन में सांस्कृतिक कार्यक्रम कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा होगा, जिसमें मुख्यातिथि डा. शशि कालिया होंगे। 
4 दिसंबर को पुरुषोतमपुरा बाग में दिन में सांस्कृतिक कार्यक्रम में गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमएल रंगा मुख्यातिथि होंगे। 5 दिसंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें मुख्यातिथि कुवि के कुलपति डा. डीडीएस संधू होंगे। 6 दिसंबर को दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम सूचना जनसंपर्क व सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें मुख्यातिथि शाहाबाद के विधायक अनिल धंतौड़ी मुख्यातिथि होंगे।
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Why Namaste?

Here are two videos. How American people are turning to "Namaste." Just for your fun.


 

1 अमेरिकी=22 करोड़ भारतीय-ब्रज की दुनिया

मित्रों,पिछले कुछ समय से पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था मुद्रास्फीति या महंगाई के ताप से जल रही है.जनता की थाली में से बारी-बारी से मांस,दाल और सब्जियों के छीने जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है.हमारे परम विद्वान व कथित अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री जानबूझकर अनजान बन रहे हैं मानो उन्हें पता ही नहीं हो कि देश में महंगाई क्यों बढ़ रही है.बीमारी कुछ है और ईलाज कुछ और का ही किया जा रहा है.पहले तो सप्ताह-दर-सप्ताह ब्याज दर बढ़ा-बढ़ाकर महंगाई को कम करने की बेवकूफाना कोशिश की गयी और अब जो ईलाज पेश किया जा रहा है उससे तो देश की पूरी खाद्य-सुरक्षा ही खतरे में पड़ जानेवाली है.
               मित्रों,मैं बात कर रहा हूँ भारत सरकार द्वारा देश के खुदरा व्यापार में ५१% विदेशी पूँजी निवेश करने की अनुमति देने की.हमारी अब तक की सबसे कमजोर-कामचोर जनमोहिनी-मनमोहिनी सरकार ने मानो ६ साल तक देश को शोधने के बाद महंगाई की असली जड़ का पता लगा लिया है.इस लाल बुझक्कड़ सरकार का मानना है कि किसानों अथवा उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच जो २२ करोड़ खुदरा व्यवसायी यानि बिचौलिए हैं वही महंगाई को बढ़ाते हैं.वरना महंगाई तो कब की कोसों दूर भाग चुकी होती.इसलिए हमारी सरकार ने महंगाई के चलते पतली हो चुकी हमारी हालत पर तरस खाते हुए दैत्याकार बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अनुमति दे दी कि वे देश में आएं और अपनी दुकानें खोलें,शीतगृह स्थापित करें और किसानों से सीधे-सीधे अनाज खरीदें.मतलब यह कि २२ करोड़ छोटे व्यापारियों या बिचौलियों के बदले अब सिर्फ एक ही या कुछेक ही बिचौलिए होंगे.लेकिन बिचौलिए तो फिर भी होंगे;२२ करोड़ भुक्खड़ ब्लडी इंडियंस के बदले एक या दो-चार गोरे धनपति.इनके आने से २२ करोड़ भारतीय बेरोजगार हो जाएँ तो हो जाएँ,भूखो मरें तो मरें लेकिन देश का जीडीपी तो ऊपर चढ़ेगा.पूँजी आएगी तो शेयर बाजार का ग्राफ तो उर्ध्वगामी होगा और कुल जमा कुछेक लाख शेयरधारकों को तो भारी लाभ तो होगा.सुबह से शाम तक मुम्बई-दिल्ली की सड़कों पर अपने ठेले पर ३०० रूपए की सब्जी बेचकर ५० रूपया कमानेवाला गरीब भारतीय भले ही रोजगार खोकर भूख से मर जाए लेकिन अमेरिकन कंपनी वालमार्ट को तो अरबों-खरबों का फायदा होगा.
              मित्रों,सोंचिए कि देश के खेतों से लेकर गोदामों,शीतगृहों और विक्रय-केन्द्रों तक पर अगर एक या कुछेक विदेशी कंपनी या कंपनियों का कब्ज़ा हो जाता है तो देश की खाद्य-सुरक्षा का क्या हाल होगा?वे जब चाहे तब देश में कृत्रिम अकाल जैसी हालत पैदा कर भरपुर मुनाफा कमा सकेंगे.वैसे भी घोर पूंजीवादी देशों की इन कंपनियों का एकमात्र धर्म और कर्म ज्यादा-से-ज्यादा मुनाफा कमाना ही तो है.केंद्र की वर्तमान सरकार की मूर्खताओं के चलते हमारी औद्योगिक सुरक्षा तो पहले से ही हमारे चिर शत्रु-देश चीन के हाथों गिरवी पड़ती जा रही है और अब खाद्य-सुरक्षा पर भी हमारी वही सरकार खुद ही तलवार लटकाने जा रही है.
               मित्रों,आजकल में एक और अजीबोगरीब घटना हुई हैं जो हमारे देश की संप्रभुता के लिए है तो बहुत-ही महत्वपूर्ण लेकिन उसकी मीडिया में उतनी चर्चा हुई नहीं जितने की वो हकदार थी.हुआ यह है कि वालमार्ट के देश अमेरिका के भारत में राजदूत ने खुदरा क्षेत्र को विदेशी कंपनियों के लिए खोलने का पुरजोर समर्थन किया है.मैं पूछता हूँ ये अंकल सैम कौन होते हैं हमारे आतंरिक मामलों में दखल देनेवाले.परन्तु करें तो क्या करें?जब अपना ही सिक्का खोटा निकल जाए तब दूसरों पर दोषारोपण करने का क्या लाभ?अपने ही देश की सरकार जब २२ करोड़ जनता के रोजगार को समाप्त कर मौत के मुंह में धकेल देने और पूरे सवा सौ करोड़ जनता की रोटी की सुरक्षा को चंद विदेशियों के हाथों गिरवी रख देने पर उतारू हो,बेच देने पर आमादा हो तो फिर हम कहाँ-किसके पास जाकर रोयें और फ़रियाद करें?
             मित्रों,सरकार कह रही है कि इससे १ करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा लेकिन वालमार्ट जैसी कम्पनियाँ तो घंटे के हिसाब से पैसा देती हैं.जितना काम उतना पैसा और काम नहीं तो पैसा भी नहीं;चाहे मरो या जियो अपनी बला से.जहाँ तक किसानों को लाभ होने की बात है तो भारत के किसान एक बार फिर से निलहा खेती के ज़माने में जानेवाले हैं.अब फिर से हमारे गोरे साहब हमें आदेश देंगे कि खेतों में क्या उपजाना है और क्या नहीं?उनको जिस फसल को बेचने से ज्यादा फायदा होगा उसको छोड़कर वे देश को क्या उपजने से लाभ होगा थोड़े ही उपजाने देंगे.तो आईये मित्रों हम सब जश्न मनाएँ कि हम फिर से गुलामी की ओर बढ़ चले हैं;फिर से देश में स्वतंत्रता आन्दोलन होगा जिससे फिर से चोर मसीहा उत्पन्न होंगे और अंततः यह सिलसिला चलता जाएगा.

एक बड़ी समस्या से निपटने के लिए ............


एक बड़ी समस्या से निपटने के लिए ............ 


एक बड़ी समस्या से निपटने का कारगार उपाय यही है की दौ नयी समस्याओं को खड़ा कर दो .
लोग बड़ी समस्या को भूल जायेंगे और नयी समस्याओं पर माथाकुट करते रहेंगे .


एक बड़ी समस्या से निपटने के लिए उसमे द्विअर्थी शब्द जोड़ दीजिये ताकि उसकी व्याख्या 
अपने मन मुताबिक की जा सके.


एक बड़ी समस्या से निपटने के लिए पुराने और नए दुश्मनों को जी भर के बेमतलब गालियाँ 
दीजिये , अंगुली उठाईये ,लोग आपको छोड़कर उन्हें पकड़ लेंगे.


एक बड़ी समस्या से निपटने के लिए मसालेदार सेक्स स्केंडल की खबर को आगे कर दीजिये 
लोग चटकारे लेंगे और आपकी जान छुट जायेगी .


एक बड़ी समस्या से निपटने के लिए चुप हो जाईये ,लोग बकझक करके रह जायेंगे ,समस्या 
अपने आप पुरानी हो जायेगी .


एक बड़ी समस्या से निपटने के लिए जनहित की नयी योजना की घोषणा कर दीजिये ,घाव 
पर मरहम लग जाएगा .


एक बड़ी समस्या से निपटने के लिए बहुत सारे लोगो से एक साथ झूठ फेला दीजिये ,लोग भ्रम 
में पड़ जायेंगे और उनकी शक्ति कमजोर हो जायेगी . 


एक बड़ी समस्या से निपटने के लिए समस्या उठाने वाले की नींद हराम कर दीजिये ,झूठे 
मुकदमें में फंसा दीजिये ,समस्या स्वत:ठंडी पड़ जायेगी.


ये नयी व्याख्या मेने कहाँ से सीखी ?


मेरे देश के उन नेताओं के उपदेशो से जिनके कारण यह देश बेहाल और त्रस्त है .

अमरीकन आलू लो भिन्डी लो


fdi ऍफ़ डी आई जिंदाबाद

  
एसा लगता है , की वाल मार्ट,  इंडिया की तरकी के लिए इतना जरुरी है की इसके बिना इंडिया तो गर्क में चला जायेगा . 

कमाल का उत्साह है प्रधान मंत्री सहित सरकार का . 

यदि बिल पास नहीं हुआ तो कमीशन वापिस करना परेगा , और हमारे नेताओं की परदेस में क्या इज्जत रह जाएगी . 

जब बैंक , इन्सुरांस सब बुला लिए तो यह भी सही. 

    

29.11.11

भड़ास परिवार को हार्दिक बधाई


गीता जयंती समारोह का आयोजन :


क्यों मनाते हैं गीता जयंती?

Gita Jayanti date is 
Tuesday, 
6th December.








विश्व के किसी भी धर्म या संप्रदाय में किसी भी ग्रंथ की जयंती नहीं मनाई जाती। हिंदू धर्म में भी सिर्फ गीता जयंती मनाने की परंपरा पुरातन काल से चली आ रही है क्योंकि अन्य ग्रंथ किसी मनुष्य द्वारा लिखे या संकलित किए गए हैं जबकि गीता का जन्म स्वयं श्रीभगवान के श्रीमुख से हुआ है-

या स्वयं पद्मनाभस्य मुखपद्माद्विनि:सृता।।

श्रीगीताजी का जन्म धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में मार्गशीर्ष मास में शुक्लपक्ष की एकादशी को हुआ था। यह तिथि मोक्षदा एकादशी के नाम से विख्यात है। गीता एक सार्वभौम ग्रंथ है। यह किसी काल, धर्म, संप्रदाय या जाति विशेष के लिए नहीं अपितु संपूर्ण मानव जाति के लिए हैं। इसे स्वयं श्रीभगवान ने अर्जुन को निमित्त बनाकर कहा है। इसलिए इस ग्रंथ में कहीं भी श्रीकृष्ण उवाच शब्द नहीं आया है बल्कि श्रीभगवानुवाच का प्रयोग किया गया है।इसके छोटे-छोटे अठारह अध्यायों में इतना सत्य, ज्ञान व गंभीर उपदेश भरे हैं जो मनुष्यमात्र को नीची से नीची दशा से उठाक देवताओं के स्थान पर बैठाने की शक्ति रखते हैं।
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भगवद्‍ गीता के पठन-पाठन श्रवण एवं मनन-चिंतन से जीवन में श्रेष्ठता के भाव आते हैं। गीता केवल लाल कपड़े में बाँधकर घर में रखने के लिए नहीं बल्कि उसे पढ़कर संदेशों को आत्मसात करने के लिए है। गीता का चिंतन अज्ञानता के आचरण को हटाकर आत्मज्ञान की ओर प्रवृत्त करता है। गीता भगवान की श्वास और भक्तों का विश्वास है। 
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गीता ज्ञान का अद्भुत भंडार है। हम सब हर काम में तुरंत नतीजा चाहते हैं लेकिन भगवान ने कहा है कि धैर्य के बिना अज्ञान, दुख, मोह, क्रोध, काम और लोभ से निवृत्ति नहीं मिलेगी। 

मंगलमय जीवन का ग्रंथ है गीता। गीता केवल ग्रंथ नहीं, कलियुग के पापों का क्षय करने का अद्भुत और अनुपम माध्यम है। जिसके जीवन में गीता का ज्ञान नहीं वह पशु से भी बदतर होता है। भक्ति बाल्यकाल से शुरू होना चाहिए। अंतिम समय में तो भगवान का नाम लेना भी कठिन हो जाता है। 

दुर्लभ मनुष्य जीवन हमें केवल भोग विलास के लिए नहीं मिला है, इसका कुछ अंश भक्ति और सेवा में भी लगाना चाहिए। गीता भक्तों के प्रति भगवान द्वारा प्रेम में गाया हुआ गीत है। अध्यात्म और धर्म की शुरुआत सत्य, दया और प्रेम के साथ ही संभव है। ये तीनों गुण होने पर ही धर्म फलेगा और फूलेगा। 

गीता मंगलमय जीवन का ग्रंथ है। गीता मरना सिखाती है, जीवन को तो धन्य बनाती ही है। गीता केवल धर्म ग्रंथ ही नहीं यह एक अनुपम जीवन ग्रंथ है। जीवन उत्थान के लिए इसका स्वाध्याय हर व्यक्ति को करना चाहिए। गीता एक दिव्य ग्रंथ है। यह हमें पलायन से पुरुषार्थ की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देती है।
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गीता जयंती : शनिवार २८ नवम्बर २००९ के अवसर पर
गीता की रचनासुदर्शन

कलियुग के प्रारंभ होने के मात्र तीस वर्ष पहले, मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के दिन, कुरुक्षेत्र के मैदान में, अर्जुन के नन्दिघोष नामक रथ पर सारथी के स्थान पर बैठ कर श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश किया था। इसी तिथि को प्रतिवर्ष गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। कलि का प्रारंभ परीक्षित के राज्याभिशेष से माना जाता है, और महाभारत युद्ध के पश्चात तीस वर्ष राज्य करने के बाद युधिष्ठिर ने अर्जुन के पौत्र परीक्षित का राजतिलक किया था। इस समय कलि सम्वत ६०१० चल रहा है अत: गीता का उपदेश आज से ५१४० वर्ष पूर्व हुआ था यह बात गणित से सिद्ध है, और महीने तथा तिथि का विवरण तो महाभारत मे उल्लिखित है ही।
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कुरुक्षेत्र में गीता जयंती समारोह का आयोजन


एनबीटी न्यूज॥ कुरुक्षेत्र : धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में हर वर्ष आयोजित होने वाले गीता जयंती समारोह की रूपरेखा जिला प्रशासन, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने तैयार कर ली है। अबकी बार इस समारोह पर एक करोड़ रुपया खर्च किया जाएगा। इस बार प्रशासन ने समारोह में प्रख्यात नृत्यांगना व फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी को भी आमंत्रित किया है। 

विशाल ब्रह्म सरोवर के मध्य में स्थित पुरुषोत्तमपुरा बाग में चारों ओर मंच लगाने का इस बार प्रावधान किया गया है। इस संबंध में एडीसी सुमेधा कटारिया ने बताया कि सूरजकुंड क्राफ्ट मेले की तर्ज पर देशभर से हस्त शिल्पकार बुलाए गए हैं। प्रतिदिन भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए देशभर से कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। 

देशभर की 600 ग्रामीण विकास एजेंसियों से जुुडे़ सेल्फ गु्रपों से 1200 प्रतिनिधि भाग लेंगे। जल्दी ही समारोह की तिथियों की घोषणा कर दी जाएगी और इस बार सरकार ने गीता जयंती समारोह का बजट 30 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपया कर दिया है। उन्होंने बताया कि देश-विदेश से भारी संख्या में पर्यटक गीता जयंती समारोह में आते हैं। इसलिए बजट की धनराशि बढ़ जाने से कोशिश की जा रही है कि समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम और अच्छे स्तर के हांे।
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कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह की तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही है। समारोह स्थल ब्रह्मसरोवर को जाने वाली सभी सड़कों की मरम्मत करने के साथ-साथ डिवाइडरों पर रंगाई-पुताई का काम तेजी से किया जा रहा है। उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने बताया कि ब्रह्मसरोवर के चारों ओर सफेदी क ा काम किया जा रहा है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि ब्रह्मसरोवर के चारों ओर क्र ाफ्ट मेला  राज्यस्तरीय विकास प्रदर्शनी लगाने के साथ-साथ सरस मेला के भी राष्ट्रीय स्तर के स्वयं सहायता समूह के स्टाल लगाए जांएगे। देशभर से 450 स्वयं सहायता समूह इस सरस मेले में कला, हुनर और दस्तकारी के साथ पंहुचेंगे। आयोजन को अंतिम रुप देने के लिए उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के अधिकारियों ने केडीबी के कार्यालय में मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक बंसल व जिला सूचना व जन संपर्क अधिकारी देवराज सिरोहीवाल के साथ बैठक की। 
केडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक बंसल ने बताया कि ब्रह्मसरोवर में स्वच्छ जल भरने के साथ-साथ सफाई का काम चल रहा है। गीता जयंती समारोह के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। इन पार्किंग स्थलों में केडीबी कार्यालय के सामने दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर, रोड धर्मशाला, वीवीआईपी घाट ब्रह्मसरोवर के पश्चिम दिशा में सनहित सरोवर कालीकमली वाले भवन के सामने श्रीकृष्णा म्यूजियम के सामने के पार्किंग स्थल शामिल हैं। बंसल ने बताया कि क्राफ्ट मेले का उद्घाटन अंबाला मंडल के आयुक्त अनिल कु मार 1 दिसंबर को करेंगे। 2 दिसंबर को पुरुषोतमपुरा बाग में शाम को होने वाले गीता जयंती समारोह का उद्घाटन हरियाणा के राज्य श्री जग्गनाथ पहाडिय़ा करेंगे। 3 दिसंबर को दिन में सांस्कृतिक कार्यक्रम कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा होगा, जिसमें मुख्यातिथि डा. शशि कालिया होंगे। 
4 दिसंबर को पुरुषोतमपुरा बाग में दिन में सांस्कृतिक कार्यक्रम में गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमएल रंगा मुख्यातिथि होंगे। 5 दिसंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें मुख्यातिथि कुवि के कुलपति डा. डीडीएस संधू होंगे। 6 दिसंबर को दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम सूचना जनसंपर्क व सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें मुख्यातिथि शाहाबाद के विधायक अनिल धंतौड़ी मुख्यातिथि होंगे।


gita jayanti : 

this is  the day on which the gita was spoken by lord krishna to his friend arjun in the battle fields of kuruchetra (in haryana, india, some 200 km from delhi)

When is Gita Jayanti 2011 in 2011 ? 
Well, 2011 Gita Jayanti date is Tuesday, 6th December.
Gita Jayanti is a religious festival of Hindus which is celebrated to commemorate the birth day of ‘Srimad Bhagwat Gita’, the sacred scripture containing invaluable advises of Lord Krishna that he proffered to Arjuna, the third Pandava in the battlefield of Kurukshetra. Geeta Jayanthi is held on ‘Ekadashi’ (the eleventh day) during the bright half of month ‘Margashirsha’ (November- December).

शान से ये तिरंगा लहरता रहे !





मेरा दिल ये  कहे  ; हम रहें  न  रहें  
शान  से  ये  तिरंगा  लहरता  रहे ,
साँस  चलती   रहे ; साँस  थमती  रहें   
ये  वतन का गुलिस्ता महकता रहे .
मेरा दिल ये कहे ..............

अब वतन में चले बस अमन की हवा 
एक होकर रहें बस यही है दुआ ,
जग के अम्बर पर बन के सितारा वतन 
हर बुलंदी पे हर दम चमकता रहे .
मेरा दिल ये कहे ..................
याद अपने शहीदों की जिन्दा रहे 
हर कदम देश-भक्ति के पथ पर बढे ;
जान देने को अपने वतन के लिए 
हर घडी अपना दिल भी मचलता रहे .
मेरा दिल ये कहे ............
इन लबों पर रहे 'भारत माता ' की जय 
और लक्ष्य हमारा हो शत्रु-विजय ,
सुन के ललकार भारत के वीरों की ये 
 शत्रु दल का ह्रदय भी दहलता रहे .
मेरा दिल ये कहे ......
[सभी फोटोस इन.कॉम से साभार ]
                          शिखा कौशिक    
                 [विख्यात  ]

FDI और भारतीय खुदरा का दंगल



FDI और भारतीय खुदरा का दंगल 


एक जंगल में दंगल का आयोजन किया जाना था .दंगल में शेर और चीता की कुस्ती थी .चीता को लगा शेर के हाथों दंगल में मौत निश्चित है .उसे चिंतित देख
सियार ने कहा-चीता भाई ,उदास क्यों हो ?

चीता बोला-इस दंगल में मुझे शेर से कुस्ती करनी है और मेरी मौत मुझे निश्चित लगती है .

सियार बोला -तुम्हे मैं बचा सकता हूँ ?

चीता बोला - कैसे ?
सियार बोला -कुस्ती शेर से नहीं बिलाव से लडवा कर. तुम और बिलाव एक ही जाती के हो .मैं जंगल में जाकर सबको समझाऊंगा और दंगल के नियम में फेरबदल करवा दूंगा .

                                                         image by google

सियार ने जंगल के पशुओं को समझाया और शेर की जगह एक सी खाल के दिखने वाले बिलाव के साथ
उसकी कुस्ती तय कर दी .नतीजा क्या आना था आप को भी मालुम है .यही है FDI और भारतीय खुदरा
की टक्कर का नतीजा .      

मधुमेहियों अपना HbA1c रखो सात यदि डायबिटीज को देनी हो मात

इस कोलाज की परिकल्पना, सृजन और निर्माण डॉ. ओ.पी.वर्मा ने  किया है।