राहुल के सामने खुलासा नहीं हुआ कि सिवनी में बागियों को टिकिट और भीतरघातियों को पद क्यों देते है हरवंश ?
इस बात का आभास तो राहुल को पहले से ही था कि प्रदेश में कांग्रेस दिग्गी,कमलनाथ,सिंधिया,पचौरी और भूरिया गुट में बंटी हुयी हैं। लेंकिन अपने प्रवास के दौरान इस बात को खुलकर देख लिया कि उनके सामने भी यह रुकी नहीं। हालांकि राहुल गांधी ने काफी सख्त लहजे में गुटबाजी समाप्त करने की नसीहत दी है लेकिन प्रदेश के दिग्गजों पर इसका कितना असर होगा? यह कहना अभी संभव नहीं हैं। राहुल गांधी को शायद इस बात की जानकारी ही नहीं लग पायी कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस में जिले भी पट्टेदारों के बीच बंटे हुये हैं।ये पट्टेदार इतना अधिक सिर्फ अपना हित साधने के आदी हो चुके हैं कि वे अपने ही नेता के अन्य समर्थकों का हित भी नहीं देखना चाहते है। ऐसी स्थिति में उनसे कांग्रेस के हित देखने की तो कल्पना भी करना बेमानी ही होगी।कई अधिकृत नेता तो पहुंच ही नहीं पाये और पट्टेदारों के कृपा पात्र नेताओं को ना सिर्फ पास जारी कर दिये गये वरन उन्होंने मुखर होकर अपनी बात भी रखी। सिवनी जिला कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। अब कांग्रेस का एक ही विधायक हैं।ऐसा क्यों और किसके कारण हो रहा है? इसका खुलासा भी राहुल के सामने नहीं हो पाया। जिन नेताओ ने कहना मान कर कांग्रेस के खिलाफ विधानसभा का चुनाव बागी होकर लड़ लिया उन्हें उसी क्षेत्र से विस की टिकिट और जिन्होंने कांग्रेस को हराने के लिये भीतरघात कर पार्टी को हराने का काम किया उन्हें संगठन में पद देकर नवाजने का सिलसिला सालों से बदस्तूर जारी हैं। 
राहुल भी रूबरू हुये प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी से- विगत 24 और 25 अप्रेल का दिन प्रदेश की कांग्रेस की राजनीति के लिये बहुत ही अहम रहा हैं। इन दिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी मिशन 2013 और 2013 की नब्ज टटोलने के लिये आये थे। प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता भी चिंतित थे कि ना जाने कब कौन सी बात जानलेवा बन जाये। अपने दो दिनों के प्रवास में वैसे तो राहुल गांधी ने अपनी तरफ से प्रदेश में कांग्रेस की जमीनी हकीकत पता करने के पूरे प्रयास कियो लेकिन उन्हें कितनी हकीकत पता लग पायी इसे लेकर तरह तरह की चर्चायें हैं। इस बात का आभास तो राहुल को पहले से ही था कि प्रदेश में कांग्रेस दिग्गी,कमलनाथ,सिंधिया,पचौरी और भूरिया गुट में बंटी हुयी हैं। लेंकिन अपने प्रवास के दौरान इस बात को खुलकर देख लिया कि उनके सामने भी यह रुकी नहीं। केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ तो इस दौरान आये ही नहीं। जो बड़े नेता थे उनके समर्थक भी अलग अलग खेमों में दिखायी दिये। चुनाव जीतने के लिये इन दिग्गजों में एका करना सबसे बड़ी जरूरत हैं। हालांकि राहुल गांधी ने काफी सख्त लहजे में गुटबाजी समाप्त करने की नसीहत दी है लेकिन प्रदेश के दिग्गजों पर इसका कितना असर होगा? यह कहना अभी संभव नहीं हैं। 
कांग्रेस में जिले भी बंटे हुये है पट्टेदारों के बीच-कांग्रेस के सिस्टम को आमूल चूल बदल देने का संकल्प लेने वाले राहुल गांधी को शायद इस बात की जानकारी ही नहीं लग पायी कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस में जिले भी पट्टेदारों के बीच बंटे हुये हैं। प्रदेश के किसी ना किसी दिग्गज नेता का पट्ठा हर जिले का पट्टेदार बना बैठा है। ये पट्टेदार इतना अधिक सिर्फ अपना हित साधने के आदी हो चुके हैं कि वे अपने ही नेता के अन्य समर्थकों का हित भी नहीं देखना चाहते है। ऐसी स्थिति में उनसे कांग्रेस के हित देखने की तो कल्पना भी करना बेमानी ही होगी। हालात यह हैं कि ऐसे पट्टेदारों का ना सिर्फ समूचे संगठन पर उनका उही कब्जा है वरन स्थानीय निकायों के जन प्रतिनिधि भी उनके अपने ही चुने जाते हैं। यदि किसी दूसरे नेता को कांग्रेस की टिकिट भी मिल जाती है तो वे उसे निपटाने में भी कोई परहेज नहीं कर पाते है। पट्टेदार खुद के भले के लिये भाजपा नेताओं के साथ नूरा कुश्ती खेलने में भी संकोच नहीं करते हैं। ऐसे में प्रदेश में जिलों के हालात यह हो गये हैं कि इनमें पट्टेदार कों ताकतवर हो गये हैं लेकिन कांग्रेस का सफाया सा हो गया हैं। 
पोल ना खुलने की जुगत में लगे रहे पट्टेदार-कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सामने कहीं अपनी पोल ना खुल जाये इसकी जुगत जमाने में ही पट्टेदार लगे रहे। इस प्रयास में यह तक किया गया कि किस नेता को उनके कार्यक्रम में जाने की पात्रता है और किसे नही? इसका खुलासा ही नहीं किया गया। प्रदेश कांग्रेस के निर्देश के अनुसार नेताओं से उनके फोटो तो मंगवा लिये गये लेकिन आखरी तक यह नहीं बताया गया कि उन्हें राहुल के कार्यक्रम में जाना हैं। ऐसी स्थिति में कई अधिकृत नेता तो पहुंच ही नहीं पाये और पट्टेदारों के कृपा पात्र नेताओं को ना सिर्फ पास जारी कर दिये गये वरन उन्होंने मुखर होकर अपनी बात भी रखी। ऐसे हालात में कितनी सच्चायी राहुल के सामने आयी होगी इसका अंदाज सहज ही लगाया जा सकता है। 
सिवनी जिले के पट्टेदार बन बैठे हैं हरवंश-पिछले लगभग पंद्रह सालों से जिले के इकलौते कांग्रेस विधायक और विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह पट्टेदार बने हुये हैं। यह जिला कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। सन 1952 से लेकर 1990 तक जिले के सभी विस क्षेत्रों पर कांग्रेस का कब्जा रहा करता था। सिर्फ 1962 का चुनाव ऐसा था जिसमें कांग्रेस तीनों सामान्य सीटें राम राज्य परिषद से हार गयी थी लेकिन दोनों आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस की ही जीत हुयी थी। लेकिन पांच साल बाद ही कांग्रेस ने 1967 में पुनः पांचों सीटें जीती और 1977 की जनता लहर में भी कांग्रेस का यह किला सुरक्षित रहा और समूचे उत्तर भारत में इसने एक रिकार्ड बनाया था। कांग्रेस में जिले में गुटबाजी तब भी थी लेकिन टिकिट मिलने में एक दूसरे के प्रत्याशी को कटवाने तक सीमित थी लेकिन टिकिट मिलने के बाद कांग्रेस को निपटाने का काम नहीं होता था जो अब होने लगा हैं। आज हालात यह हैं कि हरवंश सिंह तो केवलारी से 1993 से लगातार कांग्रेस के विधायक हैं लेकिन उनके ही क्षेत्र से कांग्रेेस लोकसभा में नहीं जीतती हैं। इसके लिये उनसे कभी सवाल जवाब भी नहीं किया गया। सिवनी और बरघाट सीट से कांग्रेस पांच चुनाव लगातार हार चुकी हैं। और तो और 1977 और 1990 के चुनाव मे भी कांग्रेस के सबसे मजबूत किले रहे लखनादौन को भी भाजपा 2003 में ध्वस्त कर चुकी हैं। ऐसा क्यों और किसके कारण हो रहा है? इसका खुलासा भी राहुल के सामने नहीं हो पाया। 
बागियों को टिकिट और भीतरघातियों को बांटे गये पद-अक्सर यह कहा जाता है कि बड़ा काम करने वाले को बड़ा और छोटा काम करने वाले को छोटा इनाम दिया जाता हैं। ऐसा ही कुछ इस जिले में होता रहा है। जिन नेताओ ने कहना मान कर कांग्रेस के खिलाफ विधानसभा का चुनाव बागी होकर लड़ लिया उन्हें उसी क्षेत्र से विस की टिकिट और जिन्होंने कांग्रेस को हराने के लिये भीतरघात कर पार्टी को हराने का काम किया उन्हें संगठन में पद देकर नवाजने का सिलसिला सालों से बदस्तूर जारी हैं। जब हरवंश सिंह प्रदेश के पंचायत मंत्री थे तब उनके गृह जिले से 1998 का चुनाव बागी हाकर कांगेस के जनपद अध्यक्ष बेनी परते ने लड़ा और 2001 में हुये उप चुनाव में ही उन्हें उसी क्षेत्र से कांग्रेस की टिकिट मिल गयी।हरवंश सिंह के केवलारी क्षेत्र के जनपद के उपाध्यक्ष भोयाराम ने 1998 का चुनाव बरघाट क्षेत्र से बागी होकर लड़ा और 2003 में उन्हें बरघाट से ही पार्टी की टिकिट मिल गयी। 1996 में कांग्रेस की विमला वर्मा के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले आदिवासी नेता शोभाराम भलावी ने 44 हजार वोट लेकर कांग्रेस को हराने में अहम भूमिका निभायी उन्हें 1997 एवं 2000 में केबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ निगम अध्यक्ष बनाया गया और फिर 2003 में लखनादौन से विस चुनाव में टिकिट दे दी गयी। कहा जाता है कि प्रदेश में गौड़वाना गणतंत्र पार्टी की नींव यहीं से मजबूत हुयी थी। भीतरघातियों को पार्टी संगठन में पद देने वालों की संख्या तो इतनी अधिक है कि उसका उल्लेख करना ही संभव नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी के सामने कोई भी तथ्य सामने ना आये हों। नेताओं ने आदिवासी और मुस्लिम वोटों के कांग्रेस से खफा होने का उल्लेख जरूर किया लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है? इसका खुलासा नहीं हो पाया। अपने कर,फर और बल से हरवंश सिंह इस बार भी सफल रहें कि राहुल गांधी के सामने उनकी पोल खुलने से बच गयी। “मुसाफिर”  
दर्पण झूठ ना बोले
30 अप्रेल 2013 से साभार

28.4.13

दरकार हमें खुद बदलने की है





                 देश को लोग कितना बांटना चाहते हैं इसका जवाब तो उनके पास भी नहीं है, जब तक उनका उल्लू सीधा होता रहेगा तब तक लोग बांटते रहेंगे. कल 'आज तक' ने कहा की देश की कुल 78 लोकसभा सीटों पर बीजेपी को उम्मीदवार के बारे में सोचना पड़ेगा क्यूंकि यहाँ 20% से ज्यादा मुस्लिम वोट हैं.....शायद एसे सर्वे ३० साल पहले तक नहीं होते होंगे, कोई भी अखबार नहीं कराता होगा (प्राइवेट न्यूज़ चैनल तो थे नहीं उस वक़्त.) मतलब कायदे से ये देश अघोषित ही सही मुस्लिम-इंडिया और हिन्दू-इंडिया में बांटा जा चुका है.

                एक और बयान आया है, अप्रत्याशित और थोडा सा अजीब. मुलायम सिंह यादव ने कहा है की 'मंगल पाण्डेय' ब्राह्मण थे. ये ब्राह्मण वोटों की ओर उनका एक और कदम है, लेकिन मंगल पाण्डेय ने मरने से पहले जाति नहीं सोची होगी, न ही अशफाक उल्ला खां ने अपना धर्म और न ही किसी और क्रन्तिकारी ने...लेकिन आजादी के 66 साल बाद सबकी जाति चुन चुन कर निकली जा रही है. जैसे उनका सरोकार देश के लिए जान देने से ज्यादा जाति से था. पहले ही राजनीति देश को धर्म के नाम पे बाँट चुकी है और जाती के नाम बाँटने की कोशिशे पिछले 20 सालों से जोर-शोर पर हैं और आश्चर्य नहीं कि शायद कोशिशें कामयाब हो जाएँ, अगर हम सम्हले नहीं तो.

              हमारा सम्हलना इतना आसान नहीं है, क्यूंकि मैं जहां जॉब करता हूँ वहां ''सो काल्ड'' देश के बेहद पढ़े लिखे युवा इंजीनियर्स काम करते हैं.... लेकिन सच तो ये है, उनकी सोच भी धर्म, जाति और 'क्षेत्र'  से आगे नहीं जाती....और जब देश का पढ़ा-लिखा युवा एसा हो सकता है तो देश की अनपढ़ या अर्ध-पढ़ी-लिखी जनता के ख्यालों का अंदाजा हम लगा सकते हैं.... और लोगों की सोच अगर एसी है भी नहीं तो मनिपुलेट करना आसान होगा.... क्यूंकि पढ़े-लिखे लोगों की सोच में भूसा भरा जा सकता है तो अनपढ़ों में तो और भी जल्दी.

             दरकार हमें खुद बदलने की है, पढ़े-लिखे युवाओं को खुद की सोच बदलने की है और बाकि की आबादी की भी, दरकार राजनीति से दूर भागने की नहीं राजनीति में प्रवेश कर राजनीति बदलने की है और जैसा की इतिहास कहता है क्रांति हमेशा चेतनशील युवा मध्यम वर्ग लाता है तो हमें चेतने की ज़रूरत है.

-- VIVEK VK JAIN

(Note:  लेखक एक MNC में इंजिनियर है. प्रस्तुत विचार लेखक के व्यक्तिगत लेकिन परिवेश से प्रेरित हैं. )

अन्ना  जी ! सादर प्रणाम । आपका पत्र पढ़ा । अच्छा लगा । कोई आप जैसा तो है जिसका धैर्य अभी तक नहीं टूटा है । यह जरूरी भी है । हम जैसे साधारण लोग तो बहुत जल्दी निराश हो जाते हैं । आप के धैर्य की प्रशंसा करता हूँ । आपने उस राहुल गाँधी को पत्र लिखा है जो आपके आन्दोलन में ग्यारह दिन बाद अपने बिल से कुछ बोलने के लिए निकले थे । उन्हें देख कर मुझे लगा था कि  कहीं वे फ़्रांस की उस राजकुमारी की तरह कुछ न कह बैठें जिसने जनता को रोटी न मिलने पर कहा था कि  यदि जनता को रोटी नहीं मिल रही तो वह केक क्यों नहीं खा लेती । खैर , वे आये थे और लोकपाल को संवैधानिक संस्था बनाने की बात कह कर चुप हो गए और फिर संसद में अपना भाषण ऐसे पढ़ गए थे मानो कोई क्रान्ति करने जा रहे हों । यू  पी ए  की यह सरकार बहुत कुछ कर जाती यदि राहुल गाँधी को कुछ करना होता । सच तो यह है कि  अभी तक राहुल गाँधी को वह समझ ही नहीं है जिसकी उम्मीद आप उनसे लगाए बैठे हैं ।
जब आपका आन्दोलन हुआ । लोग आये । संसद ने सर नवाकर आपको मनाया । हमने नया स्वतंत्रता दिवस मनाया । और लोग भी शपथ खाते दिखे कि वे कभी बेईमानी नहीं करेंगे । धीरे धीरे आपके आन्दोलन की आग किस तरह से ठंडी पड़ी आप भी जानते हैं । क्या जिन्होंने शपथ ली उनके ही जीवन में कुछ परिवर्तन आया । अगर आया तो सिर्फ इतना कि  हाँ लोग कह देते हैं कि  अन्ना  जी कहते तो सही हैं । लेकिन मैं बताऊँ ? इनमे से अगर दस प्रतिशत भी सुधर जाते तो भी देश का बहुत कुछ भला हो जाता । लेकिन कुछ नहीं हुआ ।
लोग तो एक दुसरे को देखकर चले आते हैं । कैंडल जलाते हैं । अपने आस पास जताते हैं कि  वे भी बुद्धिजीवी हैं । intellectual  हैं । यह एक fashion  हो  गया है । इस देश में चलो अमेरिका लिखी हुई टी शर्ट पहने व्यक्ति चुपचाप अपनी कार से घर से निकलता है और कहीं भी अपने पोलिथीन का कूड़ा फेंक आता हैं ।
बलात्कार की शिकार एक लड़की जब  दिल्ली की सड़कों पर पुल पर पड़ी थी और लोग उसको देखकर आगे निकल रहे थे मानो वह कोई मुसीबत हो और उसने लिखकर बताया था कि  उसके साथ बलात्कार हुआ है तब भी लोग नहीं चेते और चलते रहे । आधे घंटे बाद किसी भले मानस ने उसकी मदद की शायद उसके प्रेरक आप रहे होंगे । यही समाज कैंडल लेकर निकलने में देर नहीं करता । उनमे कितने ही कैंडल लेकर निकले होंगे । लेकिन जब वक्त आता है तो एक सूक्ति है - सर्वः  स्वार्थं समीहते यानि सभी अपना स्वार्थ देखते हैं । और दूसरी सूक्ति भी है - स्वर्थाभ्रन्शो ही मूर्खता । कोई परोपकारी रहा होगा जिसने क्रमश ये सूक्तियां लिखी होंगी । अपने जीवन का सार । जब परोपकार करते करते थक गया होगा । इसी समाज से नेता निकलते हैं और जब इस स्टार पर संवेदना का यह हाल है तो वहाँ क्या होगा , सोच सकते है । यह समाज कम , भीड़ ज्यादा है जो चली तो आती है लेकिन बहुत जल्दी सब कुछ भूल भी जाती है । रामदेव बाबा पर अत्याचार किसे नहीं पता है । सब जानते हैं । लेकिन ? सब भूल जायेंगे । जब १ अक्टूबर से सीधे अकाउंट में आधार पर पैसा मिलेगा तो सब भूल जायेंगे । सरकार के पास तो घूस देने के लिए पैसा है । टेबलेट भी है । मैं क्या वादा करू । मेरे पास पैसे नहीं हैं । मैं जनता को या भीड़ को क्या समझाऊँ । उसे बिजली पानी तो चाहिए लेकिन यदि कैश मिल जाए तो सौ गुनाह माफ़ । आप लोकपाल की लड़ाई लड़ रहे हैं और सरकार घूस बाँट रही है । चुनाव आयोग को समझ नहीं आता की मेरे और सरकार के अधिकार चुनाव लड़ने के सन्दर्भ में एक जैसे क्यों नहीं होने चाहिए । पर चलिए , समरथ को नहीं दोष  गुसाईं । आप लगे रहें । हम आपके साथ हैं । मन से , कर्म से , वचन से । जब महाभारत में सभी कौरव मर चुके थे तब संजय ने dhritrashtra को कहा - राजन ! आप चिंता न करें । शल्य पांडवों को जीत लेंगे । यदि वहाँ इतनी उम्मीद कौरवों को थी तो यहाँ पांडवों को तो यह उम्मीद होनी ही चाहिए । क्यों /
सधन्यवाद ,

26.4.13

फिर से 62?-ब्रज की दुनिया

मित्रों,हम भारतीयों की यह सन् 47 की ही आदत है कि हम इतिहास से सबक नहीं लेते और उसे बार-बार अपने-आपको दोहराने का मौका देते रहते हैं। चाहे पाकिस्तान का मुद्दा हो या आतंकवाद का या फिर कांग्रेस को सत्ता में लाने का,क्या सरकार और क्या जनता दोनों ने ही कभी इतिहास से सबक नहीं लिया। पाकिस्तान बार-बार हमारी पीठ में छुरा भोंकता रहता है फिर भी हम उसको गले लगाने के लिए हमेशा बेताब बने रहते हैं,आतंकी हमले होते रहते हैं परन्तु हम कोई एहतियाती उपाय नहीं करते और निश्चिंत होकर फिर से अगले हमले के इंतजार में लग जाते हैं। इसी तरह कांग्रेस पार्टी जब भी केंद्र में सत्ता में आती है दोनों हाथों से देश को लूटने,लुटाने,खाने और बेचने में लग जाती है फिर भी हम उसी को वोट देकर बार-बार देश को लूटने,लुटाने,खाने और बेचने का अवसर देते रहते हैं। अब तो विकीलिक्स के खुलासों से भी साबित हो चुका है कि नेहरू-गांधी परिवार शुरू से ही दलालों और देशद्रोहियों का परिवार रहा है।
             मित्रों,हमारी चीन नीति भी हमारी इस चिरन्तन आदत का अपवाद नहीं है। हमने चीन के हाथों 1962 में जबर्दस्त धोखा खाया और हमें शर्मनाक पराजय से भी दो-चार होने पड़ा लेकिन हमने फिर भी सबक नहीं लिया। एनडीए की वाजपेयी सरकार तो स्थिति फिर भी ठीक थी लेकिन कांग्रेस पार्टी की वर्तमान सरकार ने तो चीन की तरफ से आँखें ही मूँद ली-मूँदहुँ आँख कतहुँ कछु नाहिं। इस सरकार ने पिछले नौ सालों में चीन को भारत की फैक्ट्री बन जाने दिया। हमारे उद्योगपतियों को चीन में उद्योग बिठाने की महामूर्खतापूर्ण छूट दे दी।परिणाम हुआ कि हमारे रसोईघर से लेकर शयनकक्ष तक में आज मेड इन चाईना का राज है। इस सरकार ने चीन से वस्तुओं की आमद पर भी कभी किसी तरह की रोक नहीं लगाई नतीजा यह हुआ कि हमारी मूल्यवान विदेशी मुद्रा चीन के खजाने में जाती रही और हमारा चीन के साथ और कुल व्यापार-घाटा नित नए रिकार्ड बनाता रहा।
              मित्रों,आज हम अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में भी चीन से काफी पीछे छूट चुके हैं। पिछले नौ सालों में हमारे देश में सिर्फ घोटाले ही हुए हैं विकास नहीं के बराबर हुआ है जबकि इसी अवधि में चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। आज की तारीख में महाशक्ति अमेरिका भी उससे सीधी टक्कर नहीं ले सकता फिर भारत किस खेत की मूली है?
                       मित्रों,चीन ने पिछले कुछ वर्षों में भारत-चीन नियंत्रण रेखा पर सड़कों और रेल लाईनों का जाल बिछा दिया है,भारत के चारों तरफ के पड़ोसी देशों को अपने पक्ष में कर लिया है,शस्त्रास्त्र-उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है,विज्ञान और तकनीकी विकास में अग्रणी स्थान प्राप्त कर लिया है। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी की निर्लज्ज,घोटालेबाज और देशद्रोही सरकार के चलते हमारी अर्थव्यवस्था पातालगामी है,तमाम सुरक्षा-विशेषज्ञों और इस नाचीज द्वारा लाख सचेत करने पर भी इसने भारत-चीन नियंत्रण-रेखा पर न तो सड़कें ही बनाईं और न ही रेल लाईनें ही बिछाईँ फिर हमारे सैनिक मोर्चे पर सही समय पर या असमय पर पहुँचेंगे कैसे? आज अपने पड़ोसियों के साथ भी हमारे संबंध मधुर नहीं रहे हैं और पिछले 9 सालों में इन देशों में भारतीय रूपए के प्रभाव में लगातार कमी आई है। वहीं चीन ने इन सालों में इन देशों में भारी पूंजी निवेश किया है। यहाँ तक कि कुछ ही दिन पहले उसने हमारी आर्थिक राजधानी मुंबई में भी मेट्रो परियोजना में निवेश का प्रस्ताव रखा है। परिणामस्वरूप हमारे जो पड़ोसी मुल्क कभी हमारे भरोसेमंद दोस्त थे आज चीन की गोद में बैठकर हमें ही आँखें दिखा रहे हैं। पिछले नौ सालों में हमारी इस महाभ्रष्ट और निकम्मी सरकार ने भारत को शस्त्रास्त्रों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों को बिल्कुल तिलांजलि ही दे दी है और भारत को दुनिया का सबसे बड़ा हथियार उत्पादक बनाने के बदले सबसे बड़ा आयातक बना दिया है। इसके पीछे क्या कारण हैं यह वीके सिंह और एसपी त्यागी प्रकरण से और विकीलिक्स के खुलासों से पहले ही जगजाहिर हो चुका है।
                            मित्रों,आज सरकार के अन्य अंगों की तरह सेना के प्रत्येक अंग में भी भ्रष्टाचार इस कदर अपनी पैठ बना चुका है कि अगर चीन से आज की तारीख में लड़ाई होती है तो हमें तब आश्चर्य नहीं होना चाहिए जब हमारी सेना 1962 की ही तरह बिना लड़े ही मारी जाए,जब सैनिकों की बंदूकें और अन्य उपकरण युद्धभूमि में काम ही न करें और इस तरह हमें 1962 की तरह ही एक और शर्मनाक पराजय का मुँह देखना पड़े।
                            मित्रों,आप खुद भी हालात पर दृष्टिपात करके देख सकते हैं कि मतदान के दौरान की गई हमारी सिर्फ एक गलती ने किस तरह हमें फिर से 1962 में वापस लाकर खड़ा कर दिया है। हमें भूलना नहीं चाहिए कि तब भी लड़ाई की शुरुआत घुसपैठ से ही हुई थी। शायद आपको भी याद होगा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने कैसे अपनी शानदार विदेश नीति की बदौलत चीन को सिक्किम पर अपनी नीति और मानचित्र को बदलने के लिए बाध्य कर दिया था,कैसे भारत के तब के रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस ने शेर की तरह दहाड़ते हुए कहा था कि दूसरा पोखरण पाकिस्तान को ध्यान में रखकर नहीं किया गया है बल्कि भारत चीन को अपना प्रथम और सबसे बड़ा शत्रु मानता है। फिर कैसे मात्र नौ सालों में दहाड़ मिमियाहट में बदल गई? क्यों आज की भारत सरकार चीन तो क्या मालदीव और श्रीलंका के आगे भी लाचार और असरहीन है? कुछ ऐसी ही परिस्थितियों में छोटे-से जापान और वियतनाम ने तो चीन के आगे घुटने नहीं टेके और गोली का जवाब तुरंत गोली से दिया फिर हम क्यों व्यर्थ की बातचीत में समय जाया कर रहे हैं? हमें चीन में हजारों सालों से प्रचलित इस कहावत को कभी नहीं भूलना चाहिए कि युद्ध लड़कर तीव्रता से हजार मील हासिल करने से ज्यादा बेहतर है चुपके से दशकों में एक-एक ईंच करके धीरे-धीरे अपना सीमा विस्तार करना।
                           मित्रों,मैं बिना किसी लाग-लपेट के यह दावे के साथ कह सकता हूँ कि आज भारत फिर से वर्ष 1962 के कगार पर खड़ा है। अगर आज चीन से युद्ध हुआ तो हमारी पराजय अवश्यम्भावी है और वह पराजय कदाचित 1962 से भी ज्यादा शर्मनाक होगी। उस समय तो चीन अमेरिका के डर से रूक गया था आज तो उसका वो डर भी जाता रहा है। वाजपेयी के वीजन 2020 को ठंडे बस्ते में डालने के लिए,गलत आर्थिक और विदेश नीति के लिए हमारी वर्तमान केंद्र सरकार तो दोषी है ही इस सरकार को लगातार दो-दो बार चुनने के लिए उससे कहीं ज्यादा दोषी स्वार्थी जनता स्वयं है और हम अपनी इस जिम्मेदारी से किसी भी स्थिति में नहीं बच सकते-जैसी करनी वैसी भरनी। 

25.4.13

Flaxseed - Miraculous Anti-ageing Divine Food


Flaxseed - Miraculous Anti-ageing Divine Food
(Published in Dr India April, 2013)
Dr. O.P.Verma
M.B.B.S.,M.R.S.H.(London)
President, Flax Awareness Society
7-B-43, Mahaveer Nagar III, Kota (Raj.)
Visit us at at http://flaxindia.blogspot.com
E-mail – dropvermaji@gmail.com
+919460816360



What is Flaxseed and how can it benefit me? I was faced with this question when I started hearing about Flaxseed not long ago. It became a ‘buzz word’ in society and seems to be making great role in increased health for many. I wanted to join that wagon of wellness and so I researched until I felt satisfied that it could help me, too. Here are my findings.
Flaxseeds are slightly larger than sesame seeds and have a hard shell that is smooth and shiny. Their color ranges from deep amber to reddish brown depending upon whether the flax is of the golden or brown variety. Botanical name of flaxseeds is Linum usitatissimum, the flax plant, which has been widely used for thousands of years as a source of food, clothing and decorating houses (paints, varnish, linoleum flooring etc.). Usitatissimum means useful seeds. The crushed seed makes a very useful poultice in the treatment of ulceration, abscesses, deep-seated inflammations and even skin cancers.
Nutrients Name
Nutrient Value
Percentage of RDA
Energy
534 Kcal
27%
Carbohydrates
28.8 g
22%
Protein
18.3 g
32.5%
Total Fat
42.16 g
170%
Dietary Fiber
27.3 g
68%
Vitamins
Folates
87 µg
22%
Niacin
3.08 mg
19%
Pantothenic acid
0.985 mg
20%
Pyridoxine
0.473 mg
36%
Riboflavin
0.161 mg
12%
Thiamin
1.64 mg
137%
Vitamin C
0.6 mg
1%
Vitamin E
19.95 mg
133%
Vitamin K
4.3 µg
3.5%
Electrolytes
Sodium
30 mg
2%
Potassium
813 mg
17%
Minerals
Calcium
255 mg
22.5%
Copper
1.12 mg
124%
Iron
5.73 mg
72%
Magnesium
392 mg
98%
Manganese
2.48 mg
108%
Zinc
4.34 mg
39%
Phyto-utrients
Lutein-zeaxanthin
651 µg
--
Nutritional value per 100 g.                        RDA = Recommended Daily Allowance
Flaxseeds have become very popular recently, because they are a richest source of the Omega 3 essential fatty acid; known as Alpha Linolenic Acid (ALA), lignans and fiber. People in the new millennium may see flaxseed as an important new food super star.
Flaxseed also increase oxygen consumption at the cellular level resulting in increased energy and stamina, and feeling of well-being. In fact, there’s nobody who won’t benefit by adding flaxseed to his or her diet. Even Gandhi wrote in his book: “Wherever flaxseed becomes a regular food item among the people, there will be better health.” In the 8th century,   French king    Charle magne    even passed a law requiring his people to use flax seed so that they would be healthier.
Omega-3 Fatty Acid – Anti-entropy Factor
The omega 3 fatty acids include the essential fatty acid alpha-linolenic acid (18:3 n-3) and longer chain metabolites Docosahexaenoic  acid (DHA 22:6 n-3)  & Eicosapentaenoic acid (EPA 20:5 n-3). In Omega 3 acids, the first double bond is located on the third carbon from the methyl end of the hydrocarbon chain. For omega 6 fatty acids, it is located at the sixth carbon. Generally speaking there are two primary benefits omega-3 fats have on our bodies include:
Cellular Membrane Components:
The outer membrane of human cells act as a gateway allowing raw materials in, and processed materials requires a constant turnover of PUFA’s to remain functional . Omega 3’s are an essential part of this replenishment . A shortage of Omega 3 reduces the ability of cells to efficiently  perform their function, leading to nutrient starvation and chronic inflammatory illnesses.

Production of Eicosanoids :
Omega  3 is also converted into another class of chemical called eicosanoids, (a specific chemical/ hormone group which are essential to regular functioning of healthy cell) the most critical of which are prostaglandins.  Prostaglandins are important for the regulation of inflammation, pain, swelling, blood pressure, heart function, gastrointestinal function and secretion, kidney function and fluid balance, blood clotting and platelet aggregation, allergic response, nerve transmission, steroid production and hormone synthesis. If the omega-3  prostaglandins produced are either lacking or unbalanced, leading to dysfunction of these vital bodily activities.
It turns out that both the omega-3 and omega-6 pathway utilize the same enzymes, so both have to compete for these enzymes. The N-6  Dihommogamma-Linoleic Acid (DGLA) can be converted to either the anti-inflammatory PG1 or into arachidonic acid (AA). Conversion of DGLA into PG1 does not require any enzymes, but conversion of DGLA into AA requires the enzyme delta-5 desaturase. In diets high in omega-3, most of the delta-5 desaturase will be busy in the omega-3 pathway; very few delta-5 desaturase will be available to convert DGLA into arachidonic acid, and subsequently, Pro-inflammatory PG2. So DGLA ends up being converted into the anti-inflammatory PG1.
Both groups of prostaglandins perform vitally important functions and supplement each other through complex and multi-faceted interactions. For centuries ratio of Omega-6 and Omega-3 was perfect e.g. 2:1 or even 4:1 (very ideal ratio). But after the global switch to industrial agriculture and processed foods it is 20:1, 40:1 or more (!!!). This throws the body into the state of chronic inflammation, giving rise to a whole array of inflammation-related chronic diseases, including thrombosis, arthritis, diabetes, atherosclerosis and coronary heart disease, cancer and asthma.
There is only one crucial condition that must be fulfilled if the entire system is to work well and promote health. This condition is B A L A N C E. For the prostaglandin pathways to run smoothly, the intake of omega-3 and omega-6 fatty acids must be well-balanced, within the 1:1 to 4:1 range.
Lignans is Superman
Lignans are unique fiber-related polyphenols that provide us with antioxidant benefits, fiber-like benefits, and also act as phytestrogens. Among all commonly eaten foods, flaxseeds is the #1 source of lignans on earth. Flaxseeds contain about 7 times as many lignans as the closest runner-up food (sesame seeds). They contain about 338 times as many lignans as sunflower seeds, 475 times as many as cashew nuts, and 3,200 times as many lignans as peanuts.
When flaxseeds are compared with other commonly eaten foods in terms of their Antioxidant value flaxseeds rank 9th among 100 commonly eaten foods, much higher than blueberries or olives. Lignan has immunostimulatory, anti-bacterial, anti-fungal, anti-lupus and anti-viral effects.
The most important lignan in flaxseed is secoisolariciresinol diglycoside or simply SDG. When eaten SDG in flaxseed is converted by bacteria in the colon to the mammalian lignans-Enterolactone and Enterodiol.
While lignans have an estrogen-like action, they are considerably weaker than our endogenous estrogen, and act as hormone balancers.  An important feature of these plant hormones is that they do not stimulate reproductive tissue. In conditions which are linked with excess estrogen (such as PMS, unhealthy breast tissue and breast cancer) lignans compete with a woman’s own estrogen, having an estrogen lowering effect. 
In conditions associated with declining estrogen levels such as menopause, lignans have the opposite effect, increasing levels of estrogen. This balancing action is due to their ability to competitively lock onto our body’s estrogen receptor sites.  Consequently,  lignans are used to reduce symptoms of menopause, such as hot flushes, night sweats, mood swings and breast tenderness. Flaxseed has been found to substantially increase milk production in women who are not producing enough milk to nurse their infants. It is also beneficial in habitual abortion, sterility and often clears up breast engorgement. Other condition where lignans may be helpful due to their estrogenic effect includes bone health, prostate conditions, hair loss and acne. According to Acatris, a 50 mg daily dose of SDG is sufficient to deliver the health benefits associated with flax lignans.
The discovery of flaxseed as a lignan storehouse came by just a chance says Kenneth Setchell, PhD, Children’s Hospital Medical Center, Cincinnati. In a study in 1978, he and his colleagues unexpectedly found lignan levels in one patient several hundred times higher than had ever been seen before. When asked the patient told that he baked his own bread and always added flaxseed.
Dr. Danial Daves, Director of A.R.A.I proposes that flax hull lignans be considered for the worldwide treatment of AIDS/HIV. His research shows 97% success rate for AIDS sufferers who consume 1/2 tablespoon a day of flax hull lignans. The Flax Lignans supercharge the depleted immune system and gives an AIDS sufferer a new life, new hope and a future. He says Lignan is a superman. 
Heart Healer       
Atherosclerosis plaque consist only of monocyte-derived immune cells  macrophages and T lymphocytes. Their presence in arterial walls provides evidence that the atherosclerosis is an inflammatory disease. Flaxseed inhibits the production of pro-inflammatory cytokines, eicosanoids, cytokines and platelet-activating factor derived from arachidonic acid (an omega-6 fatty acid) and thus reduces inflammatory responses. One way that Alpha Linolenic Acid helps the heart is by decreasing the ability of platelets to clump together, a reaction involved in the development of atherosclerosis (hardening of the arteries), it acts as natural aspirin.
Flax seed helps to lower high blood pressure, clears clogged coronaries like a sweeper, lowers high blood cholesterol, bad LDL cholesterol and triglyceride levels and raises good HDL cholesterol. Intake of flaxseeds has also been shown to decrease the ratio of  LDL to HDL cholesterol in several human studies and to increase the level of apolipoprotein A1, which is the major protein found in HDL cholesterol (the "good" cholesterol). Three small clinical trials found that adding 38-50 g/d of flaxseed to the usual diet for 4-6 weeks resulted in modest 8-14% decreases in LDL cholesterol levels.
Flaxseeds prevent clot formation in arteries, which may result in strokes, heart attacks and thrombosis. Omega-3 Fatty acids present in Flaxseed appear to enhance the mechanical performance and electrical stability of the heart and to protect against fatal arrhythmias.
Flaxseed - Diabetes Terminator
Flax for diabetes is a zero carb whole grain food and helps stabilize blood sugar levels for longer. Let me explain you the sweet maths. 14 Gm of  Flaxseed contains 2.56 gm, protein 5.9 gm fat, 0.97 gm  Moisture and 0.53 gm ash Total is 0.97+2.56+5.90+0.53=9.86 gm. The Remaining amount 14 – 9.86 = 4.04  is Carb, and by subtracting fiber (3.8 gm) we get actual sugar value 4.04-3.8=0.24. 0.24, which is comparatively negligible amount so practically Flax is called a ZERO carb food. (Remember fiber belongs to carbs but is not absorbed in the intestines and does not raise blood sugar level)
Omega 3 makes your brain feel satiated and helps stop food cravings! Flax is an excellent source of fiber - helping you feel fuller for longer. Flax lignans help heal the body lessening or preventing complications from diabetes. Protein in flax helps the body get nutrition that takes longer to digest and process helping provide more nutrition for longer. Flaxseed is an easy thing to add as part of a balanced diet and can make dramatic differences in your blood sugar as well as overall health. In a University of Toronto study, flaxseed bread was shown to lower blood sugar by 28% within an hour vs. those who ate otherwise similar bread with no flax content.
Digestive System – Funda of Fiber           
Flaxseed is rich in both soluble, insoluble fiber and mucilage (the unique soluble fiber that is very soothing and cleansing to the digestive tract). Flax fiber is an excellent food for friendly bacteria in the intestine which keeps disease-causing organisms in check. Consumed with plenty of pure water, flax seed softens the stool and makes bowel elimination easier, a blessing to those with any level of constipation. The researcher concluded that flaxseed relieved constipation more effectively than psyllium husk. Taken for inflammatory bowel diseases like Irretable bowel syndrome, diverticulitis or ulcerative colitis  flaxseed can help to calm inflammation and repair any intestinal tract damage. In addition, the Flaxseed may prevent painful gallstones from developing and even dissolve existing stones. Finally, flaxseed has been shown to reduce risk of colon cancer.
Rejuvenates Skin, hair and nail
The essential fatty acids in flaxseed are largely responsible for its skin-healing powers. Dry skin, acne, rosacea, eczema dandruff and psoriasis often respond to the Flaxseed’s anti-inflammatory actions and overall skin-soothing properties. It is a fountain of youth. You look years younger to your age.   The abundant omega-3 fatty acids in flaxseed have been shown to contribute to strengthen and fortify hair. It prevents and sometimes reverses premature graying of hair. Similarly, the Flaxseeds work to nourish dry or brittle nails, stopping them from cracking or splitting. Flaxseed oil makes skin very soft, fair, moist and attractive. Flaxseed has anti-wrinkle effect. Flaxseed is internal and edible cosmetic. It is natural manicure and pedicure. Help clear up and even help heal sunburns more quickly.                      
CNS – Flax is Sim Card of Mind
Think of your brain like the engine in your car. It needs oil just like your car does. Omega 3 is that oil. It helps things to run smoothly and efficiently. In the function of development of our brain, Omega 3 is vital for memory and performance, and it is needed for the transmission and reception of brain signals. In addition to the structural benefits in the brain that Omega 3 adds, it aids in the communication between brain cells.
The Flaxseed is a feel good food, keeps your mind cool and you stay cheerful. Negative thoughts stay far away from you. You don’t become angry. Your mood is always elated and positive.  This is super anti depressant. Studies showed that it improves hostility in early teens and criminal behavior in prisoners. Flaxseeds are essential for the function and structure of the brain and improve cognition, memory learning skill and concentration. Flaxseed is SIM CARD of mind’s circuit (Mnemonic of flaxseed benefits on mind). Here SIM means Serene, Imagination & Memory and CARD denotes Creativity & Concentration, Alertness, Reading writing & thinking ability and divine. Flax has been scientifically proven to treat depression, diabetic neuropathy, ADHD, Alzheimer’s disease, Parkinson’s disease,  multiple sclerosis and  proven to improve the behavior of Schizophrenics. Flaxseed can improve eyesight and perception of colors. Colors look bolder and vivid. Life becomes simply more colorful.
Answer to Arthritis
The two most common forms of arthritis are osteoarthritis and rheumatoid arthritis. Osteoarthritis occurs when cartilage within the joint begins to wear away and bone rubs on bone. Rheumatoid arthritis is an autoimmune condition, where the immune system attacks the synovial lining of the joint, causing pain, rigidity and deformity. Flaxseeds slowly heal these inflammatory joint diseases. 
Prostate
The flaxseed may help to prevent swelling and inflammation of the prostate. Symptoms of prostate enlargement, such as urgency to urinate, may lessen within few weeks as a result. The EFAs also play a role in keeping sperm healthy, which may be of value in treating male infertility, and they can improve erectile dysfunction. Many patients reported that it delayed their ejaculation times.
Obesity – Flax reshapes your body
Flaxseed help fight obesity. Adding flaxseed to foods creates a feeling of satiation (feeling of fullness and satisfaction following a meal). The essential fats in flaxseed cause the stomach to retain food for a longer period of time as compared to no-fat or low-fat foods. Furthermore, flaxseed stokes the metabolic processes in our cells much like a furnace, once stoked, the cells generate more heat and burn calories.
Dr. Budwig Cancer Protocol  
Discussion about Flaxseed is never complete without highlighting achievements of Dr. Johanna Budwig, top European cancer research scientist. She proposed Flaxseed oil and cottage cheese diet for prevention and treatment of cancer, arteriosclerosis, strokes, cardiac infarction, enlarged prostate, arthritis and even immune deficiencies. Thousands of cancer patients have been helped by her protocol with 90% documented success rate. Testimonials can be found for almost every type of cancers, even late stage. Dr. Budwig has assisted many seriously ill individuals, even those given up as terminal by orthodox medical practitioners, to regain their health through a simple regimen of nutrition. Dr. Budwig has been nominated for a Nobel Prize 7 times, but was not given because of her refusal to use radiation or chemotherapy. According to the US Department of Agriculture, flaxseed contains 27 identifiable cancer preventative compounds.
Best of the Best for Body Building
The fatty acids in flaxseed are the starting point, or the mortar and bricks for manufacturing all other fatty acids and  hormone precursors necessary to support and build strong lean muscles, while prolonging stamina required for endurance sports. Beyond providing essential nutrients flaxseed provides valuable fuel required by today's high intensity athlete. Flaxseed increases energy, vitality, stamina and shortens recovery time for fatigued muscles after exertion. It has 18% high class proteins.
Nowhere have the benefits of flaxseed oil for athletic performance been more publicly demonstrated than in preparing Hilary Swank for her as a boxer in Clint Eastwood’s film, Million Dollar Baby. Grant Roberts (her Fitness Trainer) had the task of adding at least 10 pounds of lean muscle to her already lean physique in just nine weeks. In addition to an intense training and lots of practice, he gave her eight or nine tablespoons flaxseed oil daily. Surprisingly, Swank’s hard work added more than 20 pounds of muscle in that time.  
According to Roberts, nutrition represents 60 percent to 70 percent of the effective input to building lean body mass. The remaining 30 percent to 40 percent of positive results arise from a judiciously-designed exercise program.
Flaxseed has received an overwhelming response from the athletic and bodybuilding community. An article entitled "Best of the Best", published in the bodybuilding and health enthusiast magazine Muscle Media 2000, claims flaxseed as "the hottest idea in bodybuilding" and "a surprising new category of bodybuilding supplement." Mr. Dan Duchene in his column "Ask the Guru", also writing for Muscle Media 2000, and ranked flaxseed as the number one bodybuilding supplement compared to all other available products.
Ways to include flax seed and flax oil in home cooking
·       Sprinkle ground flaxseeds onto your hot or cold cereal.
·       Add flaxseeds to your homemade chapatti, cookie or bread recipe.
·       To pump up the nutritional volume of your breakfast shake, add ground flaxseeds.
·       To give cooked vegetables a nuttier flavor, sprinkle some ground flaxseeds on top of them.
·       Add a tablespoon of flaxseed oil to smoothies.
·       How much should be taken in a day - The recommended daily dose for most people is approx. 30-50 gm.