tag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post3117270290334515065..comments2024-03-17T14:51:29.906+05:30Comments on भड़ास blog: खेलों का भला ऐसे होगा?यशवंत सिंह yashwant singhhttp://www.blogger.com/profile/08380746966346687770noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-7462974813837619882008-08-17T18:44:00.000+05:302008-08-17T18:44:00.000+05:30सेंगर भाई,खेल कोई भी हो क्या क्रिकेट क्या सानिया क...सेंगर भाई,<BR/>खेल कोई भी हो क्या क्रिकेट क्या सानिया क्या आनंद और क्या बिंद्रा ये काबिलियत हमारे बच्चों में है की वो कुछ कर जाते हैं, अन्यथा देश के नाकारे निक्कमे सरकार और इनके तंत्र खेल मंत्रालय को सिर्फ़ दुहने पर लगे रहते हैं, खेलों की याद तभी आती है जब कोई वीर बांकुरा कुछ मैडल ले के आ जाता है क्यूंकि इन्ही के बहाने आमदनी का जरिया बढ़ता है और इन नामुरादों को भी जेब भरने के बहाने. खेल और Anonymousnoreply@blogger.com