tag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post4031783888156249548..comments2024-03-17T14:51:29.906+05:30Comments on भड़ास blog: कहाँ गई वो दिल की भडास ?यशवंत सिंह yashwant singhhttp://www.blogger.com/profile/08380746966346687770noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-40284791455418598862008-12-27T18:20:00.000+05:302008-12-27T18:20:00.000+05:30यहाँ बात पवित्र लेखन की नहीं है ...... बात सार्थक ...यहाँ बात पवित्र लेखन की नहीं है ...... <BR/>बात सार्थक लेखन की है , मुद्दों की है, <BR/>अपनी बात को दो टूक खरी-खरी कहने की है !!<BR/><BR/>हाँ ये सही है कि मै स्वयं को चार्वाक दर्शन के करीब पाता हूँ लेकिन मेरा किसी भी आस्तिक से कोई विरोध नहीं है ! <BR/>मुझे शिकायत है उन लोगों से जो अपना चूतियापा दूसरों पर भी थोपते रहते हैं ! <BR/>आपका दूध अगर गणेश जी ने पिया तो अच्छी बात है ! हमको क्यूँ बता रहे प्रकाश गोविंदhttps://www.blogger.com/profile/15747919479775057929noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-35217589249834655842008-12-27T15:50:00.000+05:302008-12-27T15:50:00.000+05:30भाई मेरे डर का अंदाजा इसी बात से लगा लो की यहाँ कम...भाई मेरे डर का अंदाजा इसी बात से लगा लो की यहाँ कमेन्ट लिखते हुए भी अब डर लगता है. दुष्यंत ने कहा था ...<BR/><BR/>मेरे दिल के किसी कोने में मासूम सा बच्चा <BR/>बड़ों की देख कर दुनिया बड़ा होने से डरता है <BR/><BR/>भड़ास अब बड़ों की दुनिया होते जा रही है .कुमार संभवhttps://www.blogger.com/profile/10456830976679242562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-22895263983121363202008-12-27T12:23:00.000+05:302008-12-27T12:23:00.000+05:30भाई,भड़ास हो दिल में और उसे आप निकालें तो नए विचार...भाई,<BR/>भड़ास हो दिल में और उसे आप निकालें तो नए विचार और आयाम आते हैं, प्रतिक्रया को वापस बोरे में बंद करके आपको भेज दिया जाए तो बेहतर है कि अपना बोरा अपने पास ही रखो, इस्वर अल्लाह जीसस और धर्म गुरु के नाम पर चुतियापा की रोटी सेंकने वालों कि कमी नही और भडासी इन चूतियों की मारने में विश्वास रखता है मगर अब आप चुतिओं कि नही मार सकते, प्रतिबंधित है और प्रतिबंद में तो हम साँस भी नही लेते मारने कि Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-51338167878725229382008-12-27T09:31:00.000+05:302008-12-27T09:31:00.000+05:30प्रकाश भाईसाहब मैं बिना किसी संदेह के आपकी बात से ...प्रकाश भाईसाहब मैं बिना किसी संदेह के आपकी बात से सहमत हूं कि भड़ास का मूल दर्शन इस पन्ने से लगता है विदा हो गया है लेकिन जो भी पवित्र-पवित्र सा लेखन है वह यदि लेखक के मन की भड़ास ही है तो उसमें भी मजा है मेरे जैसे लोग परेशान न हों क्योंकि तैतीस करोड़ तो हिंदुओं के देवी-देवता है और फिर यहां तो मुस्लिम इसाई सिख वगैरह सभी समेट लिये गए हैं तो दुनिया के नष्ट होने तक पर्याप्त मसाला है लिखने के लिये:)डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-15058115198215878152008-12-26T22:23:00.000+05:302008-12-26T22:23:00.000+05:30ख़ामोशी भी कभी-कभी बहुत कुछ कह देती है। जब लोग लिखे...ख़ामोशी भी कभी-कभी बहुत कुछ कह देती है। जब लोग लिखेंगे तो कमाल कर देंगे। उन्हें कुछ देर खामोश रहने दीजिए अगर वे रहना चाहते हैं तो!Prakash Badalhttps://www.blogger.com/profile/04530642353450506019noreply@blogger.com