tag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post4250942260293940024..comments2024-03-17T14:51:29.906+05:30Comments on भड़ास blog: हाय समाज.............हाय समाज...........!!यशवंत सिंह yashwant singhhttp://www.blogger.com/profile/08380746966346687770noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-43174296868751806062009-02-20T06:36:00.000+05:302009-02-20T06:36:00.000+05:30समाज का तो आज केवल नाम रह गया है...जो हर फिजूल माम...समाज का तो आज केवल नाम रह गया है...जो हर फिजूल मामलों में टांग .फंसाता...रहता... है...आज समाज किसी की सहायता करने की बजाय उसके लिए परेशानियाँ खड़ी करने वाली संस्था बन गया है....मैं तो गाँव के उन बूढे लोगों को सही मानता हूँ जो बिना पेटेंट की चिंता किए अपने अनुभव सब से बांटते रहते है.....RAJNISH PARIHARhttps://www.blogger.com/profile/07508458991873192568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-79073859940267686962009-02-20T01:24:00.000+05:302009-02-20T01:24:00.000+05:30१. समाज का विकास भी वैसे ही हुआ जैसे एक कोशिका से ...१. समाज का विकास भी वैसे ही हुआ जैसे एक कोशिका से मानव बनाने का, उसकी शुरुआत आसान थी पर हर system की तरह अगले विकास क्रम में complexity बढ़ गयी. <BR/>2. भारत में समाज एक भीड़ का नाम है<BR/>3. पेटेंट कुछ हद तक सही है, इसके बिना ही हमारे समाज में बहुत से कलाकार भूखे भी मरते हैं.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2640020083551135672.post-16734031143563540572009-02-20T01:22:00.000+05:302009-02-20T01:22:00.000+05:30१. समाज का विकास भी वैसे ही हुआ जैसे एक कोशिका से ...१. समाज का विकास भी वैसे ही हुआ जैसे एक कोशिका से मानव बनाने का, उसकी शुरुआत आसान थी पर हर system की तरह अगले विकास क्रम में complexity बढ़ गयी. <BR/>2. भारत में समाज एक भीड़ का नाम है<BR/>3. पेटेंट कुछ हद तक सही है, इसके बिना ही हमारे समाज में बहुत से कलाकार भूखे भी मरते हैं.Anonymousnoreply@blogger.com