15.11.07

लो फिर आ गये भड़ासी, अब ना रहेगी उदासी

भड़ास के दोबारा शुरु हो जाने पर सभी भड़ासीयों को शुभकामनाऐं। खासतौर पर यशवंत भाई को जिन्होने भड़ासियों को पुन: ये ब्लाग दे दिया। अब हमारे कई साथी जो भड़ास के बन्द हो जाने से निराश थे, वो खुश नज़र आयेंगें। उम्मीद है आप सभी लोग भड़ास के साथ-साथ रंगकर्मी को भी अपने विचारों से सुशोभित करेंगें। भड़ास और रंगकर्मी दोनो ही ब्लाग आप के लिये है जो कहना है खुलकर कहिये। चाहे हो अन्दर की बात या फिर किसी चिरकुट की कारस्तानी। (चिरकुट कहने से हमारी पुरानी कम्पनी के एक पुराने कुलीग को थोड़ी परेशानी होती है, इस लिये माफी के साथ ये शब्द इस्तेमाल कर रहा हुँ।) अपने दिल मे कुछ मत रखिये बस कह ड़ालिये मेरा मतलब है कि लिख ड़ालिये।

परवेज़ सागर
www.rangkarmi.blogspot.com
parvezsagar.cneb@gmail.com

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