परेशान आत्मा नामक भड़ासी ने हिंदुस्तान अखबार से नौकरी छोड़ने वालों की लिस्ट प्रकाशित कर कुछ कथित सैद्धांतिक सूत्रीकरण करने की कोशिश करते हुए एक पोस्ट भड़ास पर डाली थी, इसे मैंने डिलीट कर दिया। इसके पीछे सिर्फ एक तर्क है कि अगर आप सच कहने की हिम्मत रखते हैं और दूसरों को जगाना चाहते हैं तो पहले आप खुद सही नाम और सही पहचान से सामने आइए। छिपकर किसी संस्थान, किसी व्यक्ति पर वार को मैंने कभी पसंद नहीं किया और न करूंगा। इसलिए सभी फर्जी मेल आईडी वाले भड़ासियों और साथियों से अनुरोध है कि वे इस तरह की बातें लिखना चाहते हैं तो स्वागत है लेकिन आप असलनी नाम और पहचान के साथ लिखें। हर अखबार और हर टीवी चैनल से लोग आते जाते रहते हैं, इसके पीछे कोई वाद या कोई तर्क ढूंढने की बजाय सिर्फ एक चीज सोचना चाहिए कि जिसे जहां ज्यादा पद और पैसा मिल रहा है, वो वहां जा रहा है। जिसे नहीं मिल रहा वो खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की शैली में आंय बांय शांय बकता रहता है। भइया, आप भी ट्राइ मारो। निजी तौर पर मैं कहूं तो पिछले दो वर्षों में हिंदुस्तान अखबार में जो सुधार और बदलाव दिखा है, कंटेंट और लेआउट के लेवल पर वो बेहद सराहनीय है। अच्छे की तारीफ करना चाहिए। तो परेशान आत्मा, ज्यादा परेशानी छिपने छुपाने से ही है, खुलकर और सहज तौर पर कहेंगे व रहेंगे तो आत्मा आपकी खुश रहेगी।
नए भड़ासी साथियों का स्वागत.......
जय भड़ास
यशवंत
'हिन्दुस्तान' में हफ़्ते में ४ दिन तक मृणाल पाण्डे के रिश्तेदारों के लेख आ रहे हैं - कन्टेंट में सुधार?
ReplyDeleteNamaskar yaswant ji. mai aapki baat se puri tarah se sahamat hu. ek bhabasi ko jo bhi ugalana ho samene aa kar ugale to koi baat hai.
ReplyDeletejee. yashwantjee apne sahee farmaya. apnee atma kee awaj ko kab tak dabyenge. yah awaj aap hee nahee pure dunia ke atma kee hai
ReplyDeletekya aap apne sarir se atma bahar la kar dikha sakte hain, to jis lekhak ne yah likha hai. aap ke samne hoga. wada raha
batate chalun. Hindustan ke bare me likhne wali atma har samay apkee sarir me hai, aap ussse bat bhee karte hain, lekin atma ko pahchan koi nahee paya hai, aap aur ham to tuchh pranee hain.
itna to pata chal gaya ki atma kee awaj ko dabana hee dunia me behter post aut pad ke liye jaruree hai.
alvida for ever...............
jinda lason ke bich atma kya karegee.
pareshan atma
universe