अंकित और यशवंत जी को ढेरों शुभकामनाऐं
हमारे पुराने साथी अंकित माथुर ने कुंवारों की मंड़ली से इस्तीफा दे दिया है। अभी हाल ही मे वो ज़िन्दगीभर के लिये बेड़ियों मे जकड़े गये है। उनके साथ ये हादसा अपने शहर सहारनपुर मे ही पेश आया। अंकित को बांधने वाली हमारी भाभीजान भी सहारनपुर से ताल्लुक रखती है। माथुर जी इस नयी ज़िन्दगी के लिये ढेरों शुभकामनायें।
भड़ास के ज़रीये हिन्दी ब्लाग को नयी दिशा देने वाले हमारे साथी यशवंत सिंह जी ने नयी जगह नयी ज़िम्मेदारी सम्भाली है। इसके लिये उन्हे शुभकामनायें। उम्मीद है यशवंत भाई कामयाबी के नये रास्ते पर आगे बढते रहेगें। इसी उम्मीद के साथ आपका...................
परवेज़ सागर
Posted by PARVEZ SAGAR at 7:13 AM 1 comments
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अंकित माथुर said...
परवेज़ भाई, इन बेडियों से कौन बच पाया
है। आप तो हमसे भी पहले शहीद हो चुके थे।
लेकिन फ़िर भी हमें आपकी बधाई स्वीकार है।
November 7, 2007 6:55 AM
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(चोरी-चोरी बियाह कर लिया, भड़ासियों को बुलाया तक नहीं...चलो, भई, अब पार्टी तो दे दो....वैसे, शादी के बाद से अंकित काफी ठंडे से लग रहे हैं...तभी सब लिखना-बोलना बंद है.....यशवंत)
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