29.11.07

बरकती और तोगडिया, दोनों हैं खतरनाक

मौलाना एस.एम. बरकती और प्रवीण भाई तोगडिया दोनों का धर्मं अलग अलग है लेकिन जुबान एक ही है. दोनों कट्टरपंथी हैं. एक कट्टर हिंदू धर्मं की दुहाई देता है तो दूसरा इस्लाम की. दोनों जहर उगलते हैं.

पिछले दिनों समय चैनल पर जब तसलीमा के मामले पर मौलाना बरकती को बुलाया गया तो पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे बरकती बार बार इस देश को और इस देश के सविधान को अपना मानने से इंकार कर रहे थे. बरकती आपका सविधान, आपका देश, आपका धर्म कह कर राजेंद्र यादव और पुण्य प्रसून वाजपेयी को संबोधित कह रहे थे और पुण्य प्रसून वाजपेयी बार बार मौलाना से पूछ रहे थे कि क्या यह देश आपका नहीं है. ? इस इंटरव्यू के माध्यम से एक बार फिर मुस्लिम कट्टरपंथियों के चेहरे से नकाब हट गया है. ये मुस्लिम कट्टरपंथियों का एक ही मकसद है कि इस्लाम के नाम पर देश को बांटा जाए. बरकती बार बार इस इंटरव्यू में कह रहे कि बंगाल को गुजरात नहीं बनाया जा सकता है क्यों कि यहाँ मुस्लिम आबादी ३५ फीसदी है. मोदी और तोगडिया भी तो कुछ ऐसा ही कहते हैं. हिंदू कट्टरवादी भी तो इस देश को अपने बाप की बपोती मानते हैं.

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