13.11.07

एक बार सोच लीजिये

यशवंत जी एक बार सोच लीजिये , इस बार बहुत सोच समझ कर और फूंक फूंक कर कदम रखने की आवशयकता है. मेरा एक सुझाव है की भड़ास को वही लोग ज्वैने करें जो किसी के परिचित या रेफरेंस से आयें. हालांकि मैं मेम्बेर्स में कोई अन्तर नही करना चाहती ये बस इसलिए की पिछली बार की तरह कुछ ग़लत लोग भड़ास से न जुड़ें.खैर आप जो उचित समझाने वो करने के लिए स्वतात्न्त्र हैं ये केवल एक सुझाव मात्र है.
-मीरा

2 comments:

  1. मीरा जी, क्योंकि मैंने भड़ास की सदस्यता ले ली है, इसलिए जानना चाहूँगा कि यहाँ क्या मान्य है और क्या नहीं। कहीं कोई दस्तावेज़ है क्या?

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  2. meera ji ki baat ek had tak sahi hain

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