लीजिए एक बार फिर से भड़ास का मंच सबके लिए खुल गया है, जहाँ कोई भी दस्तक दे सकता है और अपनी भड़ास निकाल सकता हैं..लेकिन भड़ास की फिर से शुरुआत के साथ मन में एक और डर बैठा हुआ है. और इसका हल सिर्फ़ यशवंत जी ही कर सकते हैं..यशवंत जी कहीं पिछले बार की तरह हम लोगों को कहीं एक बार और झटका मत दे दीजियेगा.. नहीं देंगे ना ? क्यूंकि जब पिछली बार आपने भड़ास को उडाया था तो मुझे बहुत बड़ा झटका लगा था.. लेकिन मुझे इस बार पूरी उम्मीद है कि कुछ भी हो जाए आप भड़ास के हक से हमें वंचित नहीं करेंगे,...क्या यह वचन देते हैं आप?
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