मेरे गुरु बड्डे भाई और एक्स बॉस (आज भी उसी रूप में देखता हूँ ) यशवंत जी का अंदाज़ ही निराला है। यह कब कौन सा धमाका कर दें कोई नहीं जानता और अब भड़ास का नया रूप भई मज़ा आ गया। यह सुनकर बड़ी निराशा हुई थी की भड़ास अब कमुनिटी ब्लोग के रूप में नहीं चलेगा। टू सचिन भाई कहाँ हो? भड़ास आवाज़ लगा रहा है.
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