साल भर हुए
सद्दाम हुसैन को फांसी दिए गए
और ठीक उस वक्त
जब सद्दाम को
फांसी दी जा रही होगी
शांति का मसीहा
जॉर्ज बुश
खर्राटे भर रहा होगा
अपनी आराम गाह में
सारी दुनिया में
अमन और चैन सुनिश्चित करने के बाद
वो डूबा होगा हसीं सपनों में
जहाँ मौजूद होंगी
दज़ला और फ़रात
जलक्रीडा के अनेक साधनों में
उसकी नवीनतम पहुंच
या कि वो खुद
बग़दाद के बाजारों में
अपनी बंदूकों के साथ
सड़क के किनारे
संसार के सबसे शक्तिशाली
लोकतांत्रिक राजा की ओर से
शेष विश्व को यह था
बकरीद और नववर्ष का तोहफा ......
उसकी वैश्विक चिंताओं
और करुणा का नमूना
जॉर्ज डब्लू बुश
इस धरती का सबसे नया भगवान्
पूछ रहा है
हम सबकी अन्तिम इच्छा.
No comments:
Post a Comment