अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
अपने छात्रा दिनों की याद ताजा की है या कोई निरगुन है?? लेकिन बहुत दिन बाद शब्दों को शेप देकर पोस्ट के रूप में तब्दील किया, इसके लिए बधाई...उम्मीद है आपके भावनाओं के समंदर में हम भड़ासी गोते लगाते रहेंगे....यशवंत
अपने छात्रा दिनों की याद ताजा की है या कोई निरगुन है?? लेकिन बहुत दिन बाद शब्दों को शेप देकर पोस्ट के रूप में तब्दील किया, इसके लिए बधाई...उम्मीद है आपके भावनाओं के समंदर में हम भड़ासी गोते लगाते रहेंगे....
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