31.12.07

नया साल

मैं बहुत प्रसन्न हूँ
इसलिए नहीं
कि नया साल आ रहा है एक बार फिर

इसलिए कि मैं बचा रहा एक और साल तक

जी लिया
एक बरस और
बिना किसी खास परेशानी के
और शायद...
बिना किसी मकसद के भी

कितना अच्छा रहा गया साल
कि उस साल में

ना तो मैं किसी दुर्घटना का शिकार हुआ
ना ही फंसा किसी झंझट में बेवजह

किसी ने मुझे घूस लेते हुए भी नही देखा
ना किसी ने छेदमेरी बहन बेटी को

ईश्वर से मेरी यही
प्रार्थना है,

कि आने वाला साल बनाए रखे
ये खुशियाँ(भ्रम)

मैं जिन्दगी से बहुत ज्यादा कुछ नही चाहता........

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