सोच रहा हूँ आज कुछ न लिखुं, क्योंकि जब कुछ लिखने की सोचता हूँ तो क्या लिखूं, क्यों लिखुं, कब लिखूं, कहां लिखू ,कौन पढ़ेगा, कौन आगे बढ़ेगा जैसे सवाल दिमाग में आकर पहले ही से खराब दिमाग को और खराब कर देते हैं इसलिए आज कुछ नहीं लिखूंगा। आज कुछ नहीं लिख कर ही अपनी भड़ास निकालुंगा।वैसे भी भड़ास तो कोई न कोई कहीं न कहीं,कभी न कभी, किसी न किसी पर निकालता ही रहता है और भड़ास निकाल कर भड़ासी बनता है आज कुछ न लिखकर किसी भड़ासीकी निकाली हुई भड़ास को ही अपनी भड़ास मान लुंगा। यदि किसी भड़ासी का भड़ास पर कापीराइट हो तो कृपया पहले ही बता दे क्योंकि जिस तरह से कुछ नही लिखूंगा उसी तरह से कुछ रायल्टी भी नहीं दूंगा क्यों अरे भाई मेरी मर्जी। यदि मांगी तो फिर भड़ास निकालूगा पर दूंगा नहीं नही आज कुछ लिखूगां। हां यदि कोई अपने कमेंट देना चाहता हो तो ले लूंगा । ले सब लूंगा चाहे गाली ही क्यो न हो वैसेभी हमारे कुछ भड़ासी साथी गाली बहुत अच्छी देते है। सोच रहा हूँ एक गाली नाम से क्यों न एक नया ब्लाग ही शुरु किया जाये । बैसे आज कुछ लिखने का मन नहीं है । भड़ासी भाई माफ करें।
जय भड़ास
अजीत
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