18.1.08

phir चार line

यशवंत भाई। हिंदी में लिखने की सलाह देने के लिए बधाई। राष्ट्रभाषा में पहली चार लाइनें भड़ास को समपिर्त हैं। और साथियों की थोड़ी दाद मिले तो बात बन जाए। तो लीजिए हाजिर हैं भड़ास पर ही चार है या लाइनें। आस है, विश्वास है, सायास है, अनायास हैटीम का सद्प्रयास फिर कयास हैसीनियर कह सकते हैं फ्रस्टेटेड लोगों की बकवास है पर मीडियाकमिर्यों के मन की बातों का वास्तविक मंच भड़ास है।

2 comments:

  1. सही है, प्रयास सफल रहा। हिंदी लिखने पर बधाई। आपकी चार लाइनें तो अब इंतजार कराने लगी हैं। आगे भी आप लिखते रहेंगे, ये उम्मीद है।
    यशवंत

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