20.2.08

225 भड़ासी.....अंग्रेजों को भगाया, अब अंग्रेजी को भगायेंगे

आज भड़ासियों की संख्या 225 हो गई। बधाई सभी को। नए लोगों का स्वागत। अभी नए लोग कम लिख रहे हैं। सदस्य जितनी ज्यादा संख्या में हैं, उसके अनुपात में सक्रिय सदस्यों की संख्या काफी कम है। प्लीज, आप लोग मुंह खोलो। अपने अपने कंप्यूटर में यूनीकोड लोड करो। या गूगल बाबा के सहयोग से अंग्रेजी रोमन में लिखकर हिंदी में अनुवाद करो। पर लिखो, ताकि हम हिंदी वाले कह सकें कि जी, अब हमारा जमाना है। अंग्रेज को तो कबका भगा दिया, अब अंग्रेजी को भगाना है। इसके लिए हम हिंदीवालों को अपनी हिचक छोड़कर आनलाइन दुनिया में छा जाना है।

सभी भड़ासी यह तय कर लें कि वो हर हफ्ते किसी एक और हिंदीवाले को भड़ास का मेंबर बनायेंगे। हफ्ते में हर भड़ासी कम से कम एक पोस्ट जरूर डालेगा, भड़ास पर। इन दोनों कामों से हम हिंदीवालों की एकता मजबूत तो होगी ही, हम अपने भदेसपन को संगठित कर इन चूतिये शहर वालों को चार लात मार पायेंगे जो पिटिर पिटिर अशुद्ध अंग्रेजी बोलकर सोचते हैं कि वो सबसे काबिल लोग हैं। ऐसों को शुद्ध हिंदी में गरियाने के लिए मंच है भड़ास... बेटा, तुम साले एक नंबर के चूतिये लोग हो, भारत में पैदा हुए, यहीं पढ़े लिखे, यहीं की खा पी रहे हो और अंग्रेजी बोल के समझ रहे हो सबसे होनहार। तुम जैसों के गांड़ पर पड़ेगी अब लात। अब तो होली करीब है....मूड भी होलियाना है तो कहते हैं ना....बहुत हुआ सम्मान अंग्रेजी वालों, फाड़ेंगे अब गांड़ अंग्रेजी वालों.....!!!

जय भड़ास
यशवंत

1 comment:

  1. दादा,हिन्दी का मुद्दा एक गम्भीर मुद्दा है । अगर हम हिग्लिश से बच पाए तब संसार की सर्वाधिक सार्थक व्याकरण वाली भाषा जिन्दा रहेगी मैं व्यक्तिगत तौर पर मानता हूं कि हिन्दी भाषा मात्र विचारों के संप्रेषण से भी कही अधिक है ।

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