12.3.08

कोन रोकेगा इन्हें?

कहते हैं मीडिया इतना सशक्त मध्यम है की ये चाहे तो ने क्रांती लासकता है.आजकल हमारे सारे न्यूज़ चैनलपर एक बड़ा गंभीर मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है.हमारे सारे न्यूज़ चैनल्स के महान जर्नलिस्ट्स उस मुद्देकी reasarch में लगे हुए हैं ओर उसे देश की जनता के सामने सबूत के साथ पेश करने के लिए एक बहोत ही अहेमसबूत हासिल करने में सफल भी रहे हैं.

आइये अब हम उस मुद्दे की बात करते हैं,,वो मुद्दा वैसे तो न्यूज़ चैनल की मेहरबानी से हमारे देश के बच्चेबच्चे की जुबां पर है लेकिन फिर भी बता दूँ की शायेद आप लोगो में से कोई यदि इसे सुनने से वंचित रह गया होतो जान ले की वो गंभीर मुद्दा है हमारे देश के महान गेंदबाज़ shrisant ओर महान अभीनेत्री प्रीयंका चोपडा कीमुहब्बत की सनसनी खेज़ दास्ताँ….प्लीज़ इसे अफवाह मत समझियेगा,,हमारे चैनल्स के महान खोजी टीवीजर्नलिस्ट्स की दिन रात की अनथक मेह्नत का फल है येइन जांबाजों ने अपनी जान की परवाह करते हुएएक ऐसा सबूत हासिल किया है जिस को सुनकर विदेशी चैनल्स भी हैरान रह गए होंगे ओर हो सकता है कई देशोकी सरकारें अपने मीडिया वालो को हमारे यहाँ ऐसी खोजी Journalism की ट्रेनिंग के लिए भारत भेजने का सोचरही हो.

बहेर्हाल बात हो रही है उस सबूत की,,तो वो सबूत shrisant ओर प्रीयंका की फ़ोन पर बातचीत का ऐसा टेप हैजिस से पूरी तरह साफ हो जाता है की श्रीसंत को प्रीयंका से सचमुच कुछ कुछ हो गया है….देखा जाए तो है तो येबड़ा गंभीर मुद्दाओर हमारे चैनल्स की एक महान कामयाबी,,जिसकी जितनी तारीफ की जाए कम है,,,सो इसमहान सफलता को आजकल हर न्यूज़ चैनल चोबीसो घंटे दिखा रहा है,,सूना रहा है,,उस पर जम कर चर्चे हो रहेहैं,,उस टेप में उनके बोलने के ढंग पर रिसर्च हो रही है.श्रीसंत बोलते हुए कैसे फ़िदा हो रहे थे,प्रियंका कह तोकुछ ओर रही थी पर उनके इनकार में भी उनका दबा दबा इकरार झलक रहा है,,,उन्होंनेओकेऐसे कहा जैसे उन्हेंभी श्रीसंत के फ़ोन बंद करने पर निराशा हुई हो,,,उनकेhiकहने का अंदाज़,,उनके नखरेउफ्फ्फ्फ्फ़. शर्मआती है इस मानसिकता परक्या यही है हमारा मीडिया?क्या यही है उसका Journalism के परती फ़र्ज़?देश मेंजाने कितने मसले सर उठाये खड़े हैंदुनिया के अलग अलग हिस्सों में क्या हो रहा है है,,,हमें उसकी कुछ ख़बरही नही,,अमेरिका में चुनाव हो रहे हैं,,,इरान में होने वाले हैं..इराक में क्या हो रहा है,,अमेरिकी फौज कितने ज़ुल्मढा रही है,,palistine में इजराइल कैसे बेगुनाह फिलिस्तीनियो को अपने ज़ुल्म का निशाना बना रहा है….हमे कोईपरवाह नही हैन्यूज़ देखने के लिए टीवी onn करो तो शर्म से सर झुक जाता है,,कही शाहरुख़ दिखाई देते हैं कहीयुवराज ओर दीपिका के इश्क के चर्चे चल रहे हैं,,कही हरभजन ओर सैमंड की लड़ाई झगडे की बात हो रहीहै,,,नफरत होती है लोगो की मानसिकता पर,,,ये टीवी चैनल Journalism के नाम पर बदनुमा धब्बे हैं जो हमारेदेश की छवि ख़राब कर देंगेये तीजारत का एक जरिया है ओर बसपैसे कमाने का सस्ता हथ्खंडा…..मैं अपनेछोटे भाई ओर बहिन को न्यूज़ देखने को कहती थी पर आज जब वो देखने आते हैं तो टीवी बंद करना पड़ता है कीकही उनपर बुरा असर पड़ेक्या सीखेगी हमारी नई जनरेशन?

कही कही कोई रोक तो होनी चाहिएवरना ये लोग तो सनसनी पहला कर पैसे बटोरते रहेंगे पर नतीजा हमारेआने वाले कल को भुगतना होगा.

2 comments:

  1. रक्षंदा आपा,कल नहीं आज ही हम सब पत्रकारिता के तिजारती रूप का बुरा असर झेल रहे हैं और हमें ही यह रुख बदलने की कोशिश भी करनी होगी ,सिर्फ़ गंदगी की ओर उंगली दिखाना काफ़ी नहीं है सफ़ाई भी खुद ही करनी होगी क्योंकि मुल्क हमारा है तो जिम्मेदारी भी हमारी ही है....
    जय जय भड़ास

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  2. ha didi g, dr sab sahi kah rhe hain

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