[भड़ास] New comment on लड़ाई बंद, प्रकरण खत्मः मठाधीश, चिलांडुओं, ब्लागरो....
डॉ.सुभाष भदौरिया. has left a new comment on your post "लड़ाई बंद, प्रकरण खत्मः मठाधीश, चिलांडुओं, ब्लागरो...":
यशवंत सिंह जी
आपने आदरणीया मनीषाजी से माफी माँगकर बहुत ही नेक काम किया है.रंगेसियारों को वे पहिचानने की नज़र रखती हैं.उनके दोगलेपन को उन्होंने खुद उजागर किया है.
देर अबेर वे हम पापियों को भी पहिचानेंगी.
आमीन.
अन्य आदरणीय मनीषाजी से मैं माफी मांग रहा हूँ कि उनके दिल को ठेस लगी होगी. साथ में डॉ.रूपेशजी से जो एक गंभीर समस्या की ओर इंगित कर रहे हैं.पर उन पर शंका कर पूरे मामले को कहाँ से कहाँ ले जाया गया.
उनके पीछे आड़ लेकर वार करने वाले मठाधीशों कठमुल्लों के फ़तवों की हमें परवाह नहीं है.
आ गये कमज़र्फ कंधा ले के आँसू पोछने.
लाइन लग गई यार ढोंगियों की फाइर काल के नाम पर.
अपनी एक ग़ज़ल के कुछ अशआर अपने तमाम भड़ासी दोस्तों को नज़र कर रहा हूँ.
ग़ज़ल
जान देकर के शान रखते हैं.
हम अजब आनबान रखते है.
शब्द भेदी हैं हम को पहिचानो,
दिल में तीरो कमान रखते हैं.
दोस्तों पर तो जां छिडकते हैं,
दुश्मनों का भी मान रखते हैं.
जितना खोदोगे रतन निकलेंगे,
सीने में वो खदान रखते हैं.
वैसे तो हम जमी पे रहते हैं,
आँख में आसमान रखतें हैं.
ग़ालिबो मीर के हैं हम वारिस,
अपने शेरों में जान रखते है.
जय भड़ास.
Posted by डॉ.सुभाष भदौरिया. to भड़ास at 2/3/08 7:15 PM
thanks yar...guru thanks...
ReplyDeleteडा.भदौरिया तुस्सी ग्रेट हो पापाजी....
ReplyDeleteBHADAURIA JI APNE TO DIL KI BAT KAH DI.APKA YAH LAUTA HUA RUP HAM BHADASION KE LIYE NISCHIT HI PRERNASROT SE KAM NAHI HAI.
ReplyDeleteJAI BHADAS
JAI YASHVANT