3.3.08

क्या लालू यादव से डायलागबाजी के चलते निकाले गए पुण्य प्रसून?

पुण्य प्रसून वाजपेयी की विदाई और लालू यादव-- इन दोनों में कोई योग संयोग या दुर्योग तो नहीं दिख रहा पर हुआ कुछ ऐसा ही। जानकारों का कहना है कि सहारा समय के सर्वेसर्वा पुण्य प्रसून जब रेल बजट के दौरान लालू यादव का इंटरव्यू करने पहुंचे तो लालू ने पूछ दिया की पंडी जी आप कब पहुंच गए सहारा समय? पुण्य प्रसून ने जो जवाब दिया उसका लब्बोलुवाब ये था कि सहारा समय को सुधारने के लिए चले आए हम। इसके जवाब में संभवतः लालू ने कहा कि सहारा ग्रुप को कोई सुधार पाया है जो आप सुधार पाएंगे? और जब ये सब बातें हो रही थी तो सब कुछ लाइव और आन एयर था। बताते हैं कि प्रसून जी के साथियों व अन्य लोगों ने सुझाव दिया कि इतना हिस्सा हटा देना चाहिए पर प्रसून जी ने इसे सहजता का संवाद बताकर चलने देने को कहा। और यही बात सहारा ग्रुप के मैनेजमेंट को नागवार गुजरी। तुरत फुरत निर्णय लिया गया और प्रसून जी को एंकरिंग करने से मना कर दिया गया। दो दिन अवकाश पर रहे और जब अगले दिन आफिस आए तो मैनेजमेंट निर्णय ले चुका था। बताते है कि थोड़ी नोंकझोंक के बाद प्रसून जी और उनकी पूरी टीम नारेबाजी करते हुए बाहर निकल गई और अंदर सहारा समय के बचे हुए स्टाफ ने जश्न मनाना शुरू कर दिया।

तो देखा आपने, लालू जी के डायलाग और प्रसून जी की सहजता के कारण यह सब इतना बड़ा कांड हो गया।

जानकारों का कहना है कि प्रसून जी ने अपने व्यवहार के चलते सहारा समय के ढेर सारे लोगों को अपने खिलाफ कर लिया था। सहारा की एक बड़ी लाबी प्रसून जी को लेकर लगातार अभियान चलाए हुए थी और उनकी विदाई की अफवाहें हर समय उड़ाया करती थी। प्रसून जी अति-आत्मविश्वास और स्ट्रेट फारवर्ड बिहैवियर के कारण कामकाज तो अच्छा करते कराते रहे पर लोगों में अलोकप्रिय होते गए। दरअसल एक लीडर के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह खुद अच्छा कार्यकर्ता हो, उसमें जरूरी गुण ये है कि वो कार्यकर्ताओं में अव्वल दर्जे का जोश ओ खरोश बनाए रखे और उन्हें बार बार शाबासी व दिशा देते रहे। पर कई बार हम कुछ लोग जो खुद काम में बहुत अच्छे होते हैं, टीम लीडर बनने के बाद खुद ही अच्छा कर दिखाने की कोशिश में लगे रहते हैं और बाकी लोगों से खुद द्वारा किए गए काम के स्तर के काम की अपेक्षा करने लगते है। इसके चलते दिन ब दिन खाई बढ़ती जाती है और आखिरकार एक दिन ऐसा होता है कि दो तिहाई टीम आपके खिलाफ खड़ी हो गई। और जिस संस्थान में दो तिहाई लोग किसी नेता के खिलाफ हो जाते हैं तो वहां काम का मौहाल नहीं रहता और कोई बेस्ट रिजल्ट नहीं दे सकता।

खैर, जो हुआ सो हुआ। आना जाना तो जीवन का एक बड़ा छोटा हिस्सा है लेकिन बौने टाइप के लोग इसे सबसे बड़ा कांड और सदी की सबसे बड़ी घटना के रूप में पेश करते हैं। दरअसल जो लोग हर साल दो साल में कुछ नया करते रहते हैं उनसे ही ज्यादा कुछ अपेक्षाएं होती हैं। वरना एक जगह रूका हुआ पानी तो सड़ ही जाता है।

नया सवाल ये उठ रहा है कि अब प्रसून जी अपनी टीम लेकर किस गली की ओर जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि उनके पास अब त्रिवेणी ग्रुप के आने वाले नए चैनल का आप्शन है जहां वो कुछ कम ज्यादा में बारगेन कर अपनी टीम सहित जा सकते हैं। और रामकृपाल सिंह को भी अभी तक किसी एक ऐसे चेहरे की तलाश है जो उनके नए चैनल की रीढ़ बने और एक विजन दे सके। तो राम मिलाये जोड़ी। उम्मीद है, जल्द ही प्रसून जी अपने लोगों के साथ किसी नई जगह पर झंडे गाड़ते नजर आएंगे। उन्हें भड़ास की तरफ से शुभकामनाएं। अगर कोई मीडियाकर्मी साथी यह बता सके कि प्रसून जी के साथ किस किस ने सहारा समय छोड़ा है, तो बड़ी कृपा होगी।

उपरोक्त जो बातें लिखी कही गई हैं, वो इलेक्ट्रानिक मीडिया के कुछ वरिष्ठ साथियों द्वारा बताई गई बातों पर आधारित है और इसे कई जगहों से क्रास चेक भी किया गया है। अगर किसी को कोई आपत्ति हो या उपरोक्त बातों में कोई तथ्य गलत हो तो कृपया जरूर ध्यान आकृष्ट कराएं, नीचे कमेंट करके।

जय भड़ास
यशवंत

4 comments:

  1. ठीक बात बा...ठहरल पानी के सड़ले से बेहतर होला ऊ हरहर-हरहर बहत रहै। आज कल तक पूरे सेठाश्रयी मीडिया क ईहै हाल बा...जयराम जीकी...बड़ा नीक लिखले बाड़ा...एकदम सफा-सफा...धन्नबाद

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  2. यशवंत जी लालू वाली बात मुंबई में भी हर जगह फैली हुई है। यानि बाजपेयी जी के जाने के लिए कहीं न कहीं लालू यादव भी जिम्‍मेवार हैं

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  3. दादा,पी.पी.भाई किदर न किदर तो अपना बैंड बाजा सेट कर इच लेंगे पन सहारा का बैड लक इच खराब है जो इत्ते अच्छा आदमी छूट गया पन ये तो न्यूज बिजनिस हैं भाई लोग तो अइसा तो होना ई था....
    खेर अनुपम खेर जान दो ना अबी देखना अपना पी.पी.भाई क्या करते हैं

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  4. प्रसून जी के साथ सात अन्य लोगों ने सहारा छोडा है उनमें पहले एनडीटीवी में रहे सीनियर एग्जीक्यूटीव प्रोड्यूसर एन के सिंह, एग्जीक्यूटीव प्रोड्यूसर संजय ब्राग्ता और नाजिम नकवी के अलावा आलोक कुमार, साथ ही स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम के हेड और आउटपुट हेड पीयूष पांडे शामिल हैं. ये सभी पहले आजतक में थे. पंकज श्रीवास्तव हेड फीचर और अजय कुमार भी इसी लॉट के साथ गए हैं, जिनके बारे में खबर हैं कि संडे को रिजाइन के बाद आईएनएक्स ज्वाइन कर लिया है....

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