23.3.08

ब्लॉगवाणी, नारद और चिट्ठाजगत से बाध्यता (गुलामी) खत्म हो जायेगी

((मुझे भड़ास के एक शुभचिंतक साथी ने एक चिठ्ठी लिखी है. उसका मजमून इस प्रकार है. जिन साथी ने ये चिठ्ठी लिखी है, उनका नाम नहीं खोल रहा हूँ, क्योंकि यह काम मैं बिना उनसे इजाज़त लिए कर रहा हूँ. चिठ्ठी यहाँ डालने का सिर्फ़ इतना मतलब है कि आप लोग अपनी राय बताएं कि इस काम को उन साथी से कहकर आगे बढाया जाए, वैसे डालर आने कि सूचना मात्र से ही मैं रोमांचित हूँ, यम यम चप चप :).....यशवंत))

यशवंत भाई ,
होली मुबारक
आपके भड़ास के लिये मैने एक टूलबार बनाया है जिसे भड़ास नाम दिया है, इस टूलबार से आपकी ब्लॉगवाणी, नारद और चिट्ठाजगत से बाध्यता (गुलामी) खत्म हो जायेगी.

यूजर सीधे ही जब चाहे जैसे चाहे भड़ास को खोल सकता है, ऑनलाइन समाचार-रेडियो-ईमेल-विन्डोज टूलबार-सर्च इन्जिन आदि बहुत कुछ है इसमें.

सबसे बड़ी बात जितनी बार डाउनलोड होगा उतनी रकम आपके खाते में जुड़ जायेगी वो भी डॉलर्स में, लेकिन इसके लिये आपको मुझे अपना फ़ोन न. देना होगा क्योंकि कल से मैं आपका न. ढूंढ रहा हूँ.
आपका
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((प्यारे भाई, मैं आपको ख़ुद फ़ोन करूँगा, आज रात में, क्योंकि आपने अपना नंबर अपनी चिठ्ठी के साथ दिया है, फिर मैं विस्तार से एस टूलबार के बारे में समझूँगा. मेल के लिए शुक्रिया, आभार के साथ... यशवंत))

1 comment:

  1. दादा,ई का होई रहा है बड़ी जीभ लपलपाय रही है ध्यान रखैं कहूं कुछ तीता न होय पर अगर डालर के नाम पर तो कौनो अगर तीतऔ खवाय दे तो हम खाय क तैयार हैं ,बोलैं कब डालर-भोज देय रहें हैं सारे भड़ासियन का ?
    यदि गम्भीरता से लें तो यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी ।

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