2.4.08

दोस्त मेरे रूपेशजी

दोस्त मेरे रूपेशजी हैं लाखों में एक
सदा हंसाएं आपको मेरे हास्य अटैक
सभी भड़सी हमसफर एक से बढ़कर एक
कार सफलता की वही लगे न जिसमें बिरेक
पं. सुरेश नीरव
मो.९८१०२४३९६६

4 comments:

  1. भईया प्रणाम। क्या हाल हैं। तुकबंदी बहुत ही अच्छी लगी। आशीर्वाद दें।

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  2. सुरेश दा तुकबंदी जैसी है,वैसे ही हैं अपने यशवंत प्रभु और डाक्टर साहेब.
    ऐसे ही आते रहिये,हम बच्चा लोग को सिखाते रहिये.

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  3. ब्रेक तोड़ कर फेंक दो हे नीरव महाराज
    सफल सुफल का गान भी बंद कीजिये आज
    एक्सीलेटर दाब कर तोड़ो हर दीवार
    लेवल में आ जाये जब जीवन की रफ़्तार

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  4. वाह वाह ,
    पंडित जी ने भडासियों को क्या सही जुगलबंदी दी है ,
    हमारे दादा, और रुपेश भाई हैं ही ऐसे,
    वैसी भी भडास मैं अब ब्रेक ना लगने वाला,
    चाहे कोई माई का लाल लगाने आ जाए ताला,
    दिला देंगे याद उसे छट्ठी के दूध का निवाला ।
    जय भडास
    जय जय भडास

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