रूपेश भाई के साथ मुम्बई में जो हुआ और जिस तरह से हिन्दी भाषी होने की वजह से उन्हें अपमानित होना पड़ा उससे साफ प्रतीत होता है कि राज ठाकरे ने जो उत्तर भारतीयों के विरुद्ध जहर के बीज बोये , देसाई जैसे लोग उसी जहर की नाजायज संतान के रूप में दिखने लगे हैं। राज ठाकरे ने भारतीयों में फूट डालने का काम किया जिसे देशद्रोह की संज्ञा दी जानी चाहिए थी परन्तु न तो महाराष्ट्र सरकार ने और न ही भारत सरकार ने राज के विरुद्ध कोई कारगर कदम उठाया, जिसका नतीजा है कि देसाई जैसे लोग यह मान बैठे कि एक उत्त्तर भारतीय उनके गुनाहों का पर्दाफाश नहीं कर सकता है और वे कभी भी इसे उत्तर भारतीय बनाम मराठी का रूप दे सकते हैं । परन्तु देसाई जैसे लोग यह भूल जाते हैं कि देश , देश की जनता और उनका हित उनके जैसे टुच्चे लोगों की स्वार्थपरता से बहुत ऊपर है और मराठी -उत्तर भारतीय जैसे मुद्दे उनमें फूट नहीं डाल सकते हैं। मुझे पूरी आशा है कि रूपेश भाई जहाँ काम कर रहे हैं वहाँ भी उन्हें देसाई के विरुद्ध भरपूर सहयोग मिलेगा। हम भडासी तो उनके साथ हैं ही। यशवंत भाई और ख़ुद रूपेश भाई एक सॉलिड प्लान ऑफ़ एक्शन बनाएं और हम सब मिलकर
उस देसाई की ऐसी घिसाई करें कि रूपेश भाई के न सिर्फ़ अपमान की भरपाई हो जाय बल्कि मुम्बई के लोगों को भी देसाई से छुटकारा मिल जाय।
वरुण राय
वरूण भाई,हम लोग तो धारा के विपरीत चलने की हिमाकत करने वाले हैं वो लोग मुझे क्या सहयोग करेंगे जो खुद अपनी फटी इधर-उधर सिलवाते फिरते हैं। एक्शन प्लान तो सब मिल कर निर्धारित करें कि और क्या किया जाए.....
ReplyDeleteभाई फ़िक्र नक्को ,
ReplyDeleteभडास जिन्दाबाद, भडासी जिन्दाबाद।
साले अपनी चढ्ही छोर के जाना पड़ेगा . लग रहा था की साले को भादासियों ने फ़ोन कर कर के सेल के गांड की घंटी बजा दी है।
जय जय भडास