11.4.08

मै देखती हूँ सपने


मै देखती हूँ सपने

कुछ खुली आंखो से

कुछ बंद आंखो के सपने

कुछ ख़ूबसूरत तो

कुछ बद्सुरात सपने

मै देखती हूँ सपने

कुछ प्यारे ,कुछ सबसे न्यारे

कुछ सुख देने वाले

कुछ दुःख देने वाले सपने

मै देखती हूँ सपने

कुछ सफ़ेद , कुछ काले सपने

कुछ अपनों के , कुछ परायो के सपने

कुछ इश दुनिया , कुछ उष दुनिया के सपने

मै देखती हूँ सपने

जानती नही की पूरे होंगे

ये कभी हमारे होंगे

कभी हंसाते कभी रुलाते

फिर भी मै देखती हूँ सपने

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