अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
1.4.08
बुढाऊ के नाम
अरे वाह वाह हमर मित्र के लिखल कविता दो गो बुजुर्ग के नीक लागल बा। मजा आ गवा । वैसी डॉक्टर साब का बताये नाम्बर्वे नही है वैसे भी नही टू बड़े भाई से बत्वा टू कर ही लेते ।
रजनीश भैया नंबर बता दो न पिलिज ,कम से कम बतिआते तो सही.
ReplyDeleteअर्ररे मनीष भइया किसका नम्बर बता देन इ तो बतैबे नही किए
ReplyDeleteनही तो हम जरुर बता देते ...........
माफ़ करियेगा का करें आज भूले नही पा रहे हैं की आज मूर्ख दिवस है उ का कहे की हमारा दिन है ना
हा हा हा हा हा हा
जय भडास
जय भडास
ऐ भाई जी हमका बुरबक बुझते हो का ....हमरा तोहार नंबर चाहि ....हमरा कुछ्छो न बस हाउ चाहि
ReplyDeleteहाउ बोले तो तोहार नंबर हो भाई.
मनीष भाई ,
ReplyDeleteहाउ बोले तो हमार नंबरवा ९८२३८३५१९७ बा हो.
अब ला दे ही देली
अपन नंबर सहो दे दिह ।
क्या करें आज मशखरी ही सूझ रही है वैसी बढाई जल्दी से कलकत्ता से आनेवाले पाहून से मिल लीजिये।
साधुवाद।
भाया अब सही रास्ते पे आया ...तो ले लियो मेरा मोबाइल नंबर ०९८५२३८०९१५
ReplyDeletekya bhadasi sanvad hai...jio,jio
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