10.4.08

ये शादी बड़ी निराली है


ये शादी बड़ी निराली है
किसी की आबादी तो
किसी की बर्बादी है
ये शादी बड़ी निराली है
सपने ये दिखाती है तो
कभी उनमे आग भी लगा जाती है
किसी को समानित तो
किसी को अपमानित कर जाती है
ये शादी बड़ी निराली है
उम्र का बन्धन नही कोई
कभी भी हो जाती है
किसी को ग्राहक तो
किसी को सामान बना जाती है
ये शादी बड़ी निराली है
किसी के जीवन को सुखी तो
किसी को जीवन भर दुखी कर जाती है
किसी को राजा तो
किसी को रंक बना जाती है
ये शादी बड़ी निराली है
किसी की आग बुझा जाती है तो
किसी को आग मै झुलसा जाती है
ये शादी बड़ी निराली है ।

3 comments:

  1. कमला बहन,मैं इस निरालेपन से डर गया इस लिये सूखा ही सुखी हूं....

    ReplyDelete
  2. rupesh ji ish niralepan se darne ki jarurat nahi hai kyuki hum caahe to ish niralipan se apne jeevan me bahaar hi bahaar la sakte hai .

    ReplyDelete
  3. kya bat hai kamla jee bahut khoob jvab diya aapne dagder babu ko....

    ReplyDelete