9.4.08

उफ़ हिन्दी में लिखना वाकई आसान नही है लेकिन इतना मुश्किल भी नही

भड़ास के सभी सहयोगियों को पुरी विनम्रता के साथ गुड इवेनिंग....क्या करें आदत है दूर नही हो रही....यशवंत भैया अगर ये ब्लॉग भड़ास पे आ गया तो हिन्दी ब्लोग्गिंग को एक और पहरुआ मिल जाएगा...और हाँ ये आपकी मदद के बिना मुमकिन कतई नही था...... यही तो हैं यशवंत भैया.....ये अभी त्राइल पर है....

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