श्री यशवंतजी,
डॉ.रूपेश श्रीवास्तव जैसे क्रांतिचेता हस्ताक्षर के साथ एक अदना से मुलाजिम ने जो अमानवीय व्यवहार किया है वह इस बात का सबूत है कि अफसरशाही कितनी बेलगाम होती जा रही है और इन भ्रष्ट अधिकिरयों की नजर में कलमकारऔर पत्रकार की हैसियत कुछ भी नहीं है। ऐसे बददिमाग नौकरशाहों को पाठ पढ़ाने के लिए और मुफीद सबक सिखाने के लिए हम तो उस को फोन पर गरिया ही देंगे अच्छा हो कि भड़ासी बंधुओं की ओर से ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को तत्काल निलंबित करने के लिए मुख्यमंत्री और शरद पंवार दोनों को थोक में फैक्स और ईमेल भेजे जाएं। तभी उसका दिमाग ठिकाने आएगा।डॉ.रूपेश श्रीवास्तव के साथ हुए अमानवीय व्यवहार की हम कठोर शब्दों में घोर निंदा करते हैं।
-पं. सुरेश नीरव
पंडित जी,का चुप साध रहे बलवाना???? शुरू हो जाइए और सरकारी अधिकारियों को ये बताइए कि वे नौकर हैं जनता के मालिक नहीं.......
ReplyDeleteपंडित जी, ई निन्दावा से कम्वा नइखे चलीं ।
ReplyDeleteवैसे साले को कल से फ़ोन थोक के भाव कर रहा हूँ। सुरु मैं तो साले के तेवर थे जो धीरे धीरे कम पड़े और अभी फ़ोन कर तो चूतिया मिमियाता सा लग रहा था । लग रहा है बहूत सारे भादासियौं ने गांड मैं डंडे फ़ोन से ही कर डाले हैं।
अब तो आप लोग जाने की की इसके दुसरे तरीके क्या हो सकते हैं।
जय जय भडास