प्रिय साथियों यह आप सबका स्नेह और दुआओं का असर है कि मैं अब करीब करीब ठीक हो गया हूं और वापस काम पर लौट आया हूं। हां अस्पताल में एक चीज जो बहुत मिस की वह थी भडास। दोस्तों मेरे भडास पर न होने के बावजूद मेरे साथियों ने मुझे याद किया। अबरार अहमद ने मेरे बीमार होने की सूचना आप सब तक पहुंचाई। इसके बाद तो जो फोन की घंटी बजनी शुरू हुई वह मुझे अस्पताल से वापस घर लेकर आने के बाद ही कम से कम चुप हुई। साथियों इस दौरान आप सब की ढेरों शुभकामनाएं मिलीं। पूरे भारत से तकरीबन तीन सौ फोन और करीब डेढ सौ मैसेज आए। सभी साथियों ने मुझे इतनी शुभकामनाएं दीं कि मैं गदगद हूं। अब सबका नाम यहां मेंशन नहीं कर सकता, मगर आप सबने बहुत प्यार दिया।
जय भडास
अनिल भारद्वाज
09417487280
ab aap shubhkamnaon ki lalch me fir se bimar n hona....jio mere guru....swasth raho...
ReplyDeleteअनिल भाई मंगल,
ReplyDeleteहरे दादा ने सही कहा, वैसे आप की कमी यहाँ तो खल ही रही थी बाकी जगह का मैं नहीं कह सकता. बहरहाल अब आप दनदनाते हुए कुछ बेहतरीन सा फोर डालिए. बहुत दिनों से प्यासे हैं आपके लेखनी के भडासी.
जय जय भडास