30.5.08

हम भी फ्लाप तुम भी फ्लाप

हास्य-गजल
हम भी फ्लाप तुम भी फ्लाप
तिकड़म में पर दोनों टॉप
मिलकर खेलें कविता-कविता
मैं बच्चन तो दिनकर आप
उसे बना देंगे आलोचक
जो हो जनम से झोलाछाप
अपनों को काटेंगे झट से
आस्तीन के हम हैं सांप
मक्खनबाजी के मंत्रों का
सुबह-शाम करते हैं जाप
माल पचा लेना औरों का
नहीं मानते बिल्कुल पाप
हुनर हमारा सिर्फ झटकना
सम्मानों के लॉलीपॉप
हम भी फ्लाप तुम भी फ्लाप
तिकड़म में पर दोनों टॉप।
पं. सुरेश नीरव
मो.-९८१०२४३९६६

2 comments:

  1. हम भी फ्लाप तुम भी फ्लाप.......
    अगर आप कह रहे हैं तो मान लेता हूं वरना मैं खुद को तो सुपरस्टार मानने का मुगालता पाले जिन्दा था लेकिन अब आपने आंखे खोल कर सत्य दिखा दिया, जीने की आस ही खत्म हो गयी, दिल चूर्णित हो कर टैल्कम पाउडर हो गया....

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  2. पंडित जी प्रणाम,

    इशारा किसकी और है। वैसै ये फ़लोप शो दो जगह ज्यादा शोभा देती है। एक तो पत्रकार ओर दुसरे हमारे नेतगण के लिये।
    बेहतरीन हास्य-व्यंग है

    साधुवाद

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