यशवंत जी,
एक नया ब्लाग बनाया है। बाबूजी की कई किताबें पेंडिंग पड़ी हैं। उनमें से एक कविता संग्रह 'धूप लिफाफे में' जल्दी ही प्रकाशित होने वाली है। ब्लाग की दुनिया बाबूजी के लिए नई है...। मैंने ही सुझाव दिया था... सो उनके हामी भरने पर संग्रह के नाम पर ही ब्लाग बना दिया। जिसका url है...
http://www.krshailendra.blogspot.com/
आपके ब्लाग से इसका लिंक जु़ड़ जाए औऱ इसकी चर्चा हो जाए तो सही पाठकों तक पहुंचना आसान हो जाए...।
धन्यवाद-- --
vivek
बाबु जी,
ReplyDeleteभडासियों के सामने आपकी कृति आयी.
आपको साधुवाद
बाबू जी को प्रणाम और आपको साधुवाद इस नेक काम के लिये...
ReplyDeleteबाबू जी को मेरा भी प्रणाम . शैलेन्द्र जी , आपने ये बड़ा अच्छा काम किया . आपको भी साधुवाद.
ReplyDeleteवरुण राय