वरिष्ठ पत्रकार बृजेश सिंह भी हिंदी ब्लागिंग के मैदान में चुपके से कूद पड़े हैं। उन्होंने शुरुआत ही चौके छक्के से करी है। बृजेश जी ने अपने ब्लाग का प्यारा सा नाम रखा है- शहरनामा। दैनिक जागरण में शहरनामा नाम से कई संस्करणों में शहर की उन खबरों पर कालम छपता है जिन पर कोई खबर नहीं छापी जा सकती क्योंकि इन खबरों के सबूत नहीं होते लेकिन ये खबरें होती बिलकुल पुष्ट हैं। तो ऐसी सच्ची कनबतियां खबरों के लिए शहरनामा नामक ब्लाग बृजेश जी ने तैयार किया है। वे इस ब्लाग पर शहरयार नाम से लिख रहे हैं। चुटीले और कसे लेखन के मास्टर बृजेश जी इस वक्त दैनिक जागरण के दिल्ली प्रदेश के एक हिस्से के ब्यूरो इंचार्ज हैं।
आप भी शहरनामा की यात्रा कर आइए और कुछ मजेदार पोस्टों को पढ़ डालिए, साथ ही बृजेश जी का हौसला बढ़ाने के लिए उनकी पोस्टों पर कमेंट कर आइए। फिलहाल एक मजेदार पोस्ट को यहां डाल रहा हूं, शहरनामा से साभार....
नेता जी की साली से विधायकजी ने दिल लगाया
कांग्रेस में चमचागीरी की पुरानी परंपरा है.चमचागीरी के चक्कर में कांग्रेस के एक राष्ट्रीय महासचिव ने दिल्ली के एक विधायक को अपना मानस पुत्र बना लिया. कांग्रेस आलाकमान के दाहिने हाथ माने जाने वाले भारीभरक कद वाले इस नेता के घर विधायक बराबर का आना जाना था. बड़े नेता अक्सर व्यस्त रहते थे इसलिए घर की कुछ जिम्मेदारियां यह विधायक स्वेच्छा से उठाने लगे. इस बहाने नेताजी के घर में उनकी अच्छी पैठ बन गई.
यहां तक तो ठीक था किंतु आका की सेवा करते-करते विधायक जी का दिल घर की एक सुंदरी पर आ गया.यह सुंदरी कोई और नहीं बड़े नेता जी की साली साहिबा हैं.इन्हें विधायक जी कई बार मानस पुत्र के नाते यहां वहां ले आते जाते रहे हैं. जब तक इश्क चलता रहा लोगों ने ज्यादा कान नहीं दिया किंतु पहले से शादीशुदा विधायक जी को महासचिव की साली इतनी पसंद आई कि वह उससे शादी करने का ख्वाब पालने लगे.विधायक जी जो कभी कांग्रेसी दिग्गज नेता को पिता तुल्य तथा उनकी पत्नी को मातृवत मानते थे वे अब मौसी तुल्य उन्ही नेता की साली को पत्नी बनाना चाहते थे.
एक तो विधायक व युवती का अलग-अलग धरम ऊपर से बेटा बन घर में सेंध लगाने का यह रवैया नेताजी को पसंद नहीं आया, लिहाजा कभी इन्हीं नेता के नाम का रुआब गांठने वाले विधायक को घर में इंट्री बंद हो गई है. अब आगामी चुनाव के मद्देनजर विधायक के टिकट पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. इन दिनों कांग्रेसियों में बेटा बन नेता की साली पर लाइन मारने वाले इन विधायक महोदय की चरचा आम है.
प्रस्तुतकर्ता- shaharyar
साभारः शहरनामा
भाई लोगों,
ReplyDeleteअपने अपने सालीयों को सम्हाल के रखने का ये ससुरे नेता लोगों कि नजर कहीं भी पहुंच सकती है।
बुरा ना मनो जय गोबरानन्द की