28.6.08

यशवंत दादा,मौत का आतंक किसे दिखाया जा रहा है???????

आज बहुत दिनो बाद एक बार फ़िर से मेरे अंदर से मुख्यधारा से बाग़ी हुआ चिकित्सक निकल कर चिल्लाने को तैयार है इस लिये जोर जोर से चिल्ला कर कह देना चाहता हूं कि ये जो करुणाकर के बारे में मौत-मौत-मौत का भय है, पूरी तरह निर्मूल है। अरे यार लोगों ! इस दुनिया में जिस दिन प्रोग्राम बन कर आ गए थे उसी समय ईश्वर ने सबमें एक दिन डिलीट हो जाने का साफ़्टवेयर डाल दिया था कि जाओ आटोडिलीट हो जाना। मौत का आतंक किसे दिखाया जा रहा है कम से कम भड़ासी तो इस परिवर्तन से हरगिज नही डरते हैं। मैंने अभी करुणाकर से बात करी है और आप सबको कह देना चाहता हूं कि (यशवंत दादा आप भी शामिल हैं) बस करो ये डर-डर खेलना बहुत हो गया यार कब तक कांपोगे? एक बार हम सारे दोस्त जड़ी-बूटियों के लिये फ़्लोरा स्टडी के लिये फ़ील्ड में गये हुए थे तो सामान्य तौर पर आप माने या न माने ये छात्रों के लिये किसी पिकनिक से कम नहीं होता है ,लोग अपनी-अपनी गर्लफ़्रेंड्स को साथ ले जाना चाहते हैं, बीयर रखना नहीं भूलते हैं, ताश के पत्ते तो अनिवार्य होते हैं और अगर प्रोफ़ेसर साहब रंगीले हुए तो ढोलक,गिटार वगैरह भी संग रख लिया जाता है। इसमें जरूरी होता है कि साथ में एक अपडेटेड फ़र्स्ट एड किट भी ले ली जाए लेकिन उसे ढोना कौन चाहता है तो बिना मन के रख ही ली जाती है। स दोस्त अपनी-अपनी में मशगूल थे और हम थे कि एक पौधे को ताकत लगा कर उखाड़े पडे़ थे कि घर ले जाकर नमूने के तौर पर सहेजेंगे क्योंकि बह एक दुर्लभ पौधा था, उसकी जड़ से एक मस्त सांप चिढ़ कर निकला और हमें कस कर काट लिया। हमने शांति से प्रोफ़ेसर साहब को बताया कि एक जहरीले सांप ने काट लिया तो उनके तोते उड़ गये,चिल्लाने लगे कि अबे सालों दारू पीना बंद करो और फ़र्स्ट एड किट से एंटी स्नेक वेनम का इंजेक्शन निकाल कर डा.रूपेश को लगाओ...... मर जाएगा वरना साले हम सब परेशानी में पड़ जाएंगे....... । एक भला सा सहपाठी दवा निकाल कर लाया और बोला कि सर ये तो एक्सपायर डेट का हो गया है(किसी ने भी फ़र्स्ट एड किट उठाते समय देखना जरूरी नहीं समझा कि देख लेते कि किस दवा की क्या डेट है)। पता है उस दिन क्या हुआ???? मैंने जिन्दगी का सबसे बड़ा चिकित्सा-मंत्र सीख लिया, प्रोफ़ेसर चिल्ला कर बोले अबे साले अब बता रहा है कि एक्सपायर डेट का हो गया है पहले नहीं देखा....... लगा इसी को ... ये तो वैसे भी मर जाएगा तो इसी एक्सपायर डेट के इंजेक्शन को लगा कर देख अगर बच गया तो ठीक है........ मुंह मत देख साले..... चमत्कार हो गया ......। मैं उस एक्सपायर डेट की दवा से बच गया जबकि मैं खुद उस सांप की प्रजाति को जानता हूं कि वो कितना जहरीला होता है; तो बच्चों इस कथा से मैंने क्या सीखा कि जो गतायु हो, मरणासन्न हो उस पर सारे जीवन रक्षक उपाय अपना लेने चाहिये न कि ये कह कर अलग खड़े हो जाना चाहिये कि ले जाओ ये तो मरने वाला है.... ये सुअर एम्स और टाटा के डाक्टर अपने आप को ब्रह्मा का बाप समझते हैं कि इन्होंने कह दिया और मरीज मर ही जाएगा..... कमीने कहीं के.। मेरी मां का उदाहरण तो यशवंत दादा भी जानते हैं जिन्हें ढाई साल पहले ब्रेस्ट कैंसर की अंतिम अवस्था बता कर ये कह दिया था इन चूतियेस्ट डाक्टरों ने कि बुढ़िया डेढ़-दो महीने में मर जाएगी जबकि मेरी माताराम पूरी तरह से अब स्वस्थ हैं और रिश्ते में लगने वाली सारी बहुओं को आशीर्वाद देती फ़िर रही हैं चाचा,मामा,फ़ूफ़ा सबकी बहुएं कहानी घर घर की देख रहीं हैं इनके संग.....। यार लोगों मैं करुणाकर के इलाज का जिम्मा ले रहा हूं बस आप लोग ऊपर वाले को बोल कर रखो कि इस बीच उसके स्वस्थ होने से पहले मुझे डिलीट न कर दे.....। अगर किसी का दिल बहुत बड़ा हो यानि उसे एन्लार्जमेंट आफ़ हार्ट नामक बीमारी हो और दवा के खर्च का जिम्मा उठाना चाहे तो भइये शौक से उठाए लेकिन मैं उसको कभी उसकी बीमारी यानि एन्लार्जमेंट आफ़ हार्ट का इलाज न बताउंगा,,,,,,, :)
जय जय भड़ास

2 comments:

  1. TO SARI DUNIYA ANDHI HO JAYEGI........
    lagta hai zindgi or mot ke bheech jhool rhe karunakar ki kisi ko fikr nhi. uske hamdardi or bhadasi dr ek dushre par apni bhadas nikalne me tule hai. ydi dono hi shai mayne me bhadasi hain to yah kartoot band karna hoga. hamdard bhadadiyo ko uske shwasth ke liye prathna karna hogi or dr ko bhadas me gali-galoch ki jagah uska upchar karna hoga.
    kyaki yadi AANKH KE BADALE AANKH NIKALNE KA SILSILA SURU HO JAYE TO SARI DUNIYA ANDHI HO JAYEGI.

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  2. TO SARI DUNIYA ANDHI HO JAYEGI........
    lagta hai zindgi or mot ke bheech jhool rhe karunakar ki kisi ko fikr nhi. uske hamdardi or bhadasi dr ek dushre par apni bhadas nikalne me tule hai. ydi dono hi shai mayne me bhadasi hain to yah kartoot band karna hoga. hamdard bhadadiyo ko uske shwasth ke liye prathna karna hogi or dr ko bhadas me gali-galoch ki jagah uska upchar karna hoga.
    kyaki yadi AANKH KE BADALE AANKH NIKALNE KA SILSILA SURU HO JAYE TO SARI DUNIYA ANDHI HO JAYEGI.

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