हिंदी मीडिया की एक बड़ी खबर। इंटरटेनमेंट न्यूज चैनल E-24 से 30 पत्रकार एक साथ बाहर निकाल दिए गए हैं। मुंबई से भड़ास4मीडिया को सूत्रों द्वारा मिली पक्की सूचना के मुताबिक इंटरटेनमेंट चैनल E-24 जो अभी हाल में ही लांच किया गया था, से 30 हिंदी मीडियाकर्मियों को एक झटके में बाहर कर दिया गया। न तो इन्हें कोई नोटिस दिया गया और न ही कोई अग्रिम सूचना। एक साथ इतने ज्यादा मीडियाकर्मियों को बाहर किए जाने के पीछे जो कारण बताये जा रहे हैं उसके मुताबिक यह चैनल इंटरटेनमेंट न्यूज के कांसेप्ट पर सफल नहीं पाया और लगातार अंदरूनी उठापटक के चलते वो मुकाम न हासिल कर सका जिसकी कल्पना करके इसे लांच किया गया था। साथ में एक अपुष्ट खबर यह भी है कि.......
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हिन्दी मीडिया का काला अध्याय
एक प्रोडक्शन हाउस ने हाल ही में खोले गए अपने हिन्दी इंटरटेन्मेंट चैनल से एकमुश्त ३० स्थायी मीडियाकर्मियों की छंटनी कर दी औऱ अब ये सारे के सारे सड़क पर आ गए हैं। हाउस ने छंटनी करने के एक दिन पहले तक उन्हें नहीं बताया कि उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है। छंटनी के दिन उनसे सीधे कहा गया कि अब हमें आपकी जरुरत नहीं है।
हिन्दी टेलीविजन के इतिहास में पहली ऐसी घटना है जहां एक साथ ३० लोगों को बिना पूर्व सूचना के काम से बाहर निकाल दिया गया। यह कानूनी तौर पर गलत तो है ही साथ ही मीडिया एथिक्स के हिसाब से भी गलत है। वाकई हिन्दी मीडिया के इतिहास का यह काला अध्याय है और हम ब्लॉग के जरिए इसका पुरजोर विरोध करते हैं।
मीडिया संस्थानों से पत्रकारों को निकाल-बाहर करने की यह कोई पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी कई चैनलों से बड़े-बड़े अधिकारियों को आपसी विवाद या फिर चरित्र का मसला बताकर निकाल-बाहर किया गया है। लेकिन टेलीविजन के इतिहास में शर्मसार कर देनेवाली शायद ये पहली घटना है जब एक ही साथ तीस मीडियाकर्मियों को जरुरत नहीं है बताकर निकाल दिया गया। इनमें नीचे स्तर से लेकर प्रोड्यूसर लेबल तक के लोग शामिल हैं। हाउस अगर निकालने की वजह सबके लिए व्यक्तिगत स्तर पर बताती है तो इसके लिए उसे काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। संभव है कि अगर ये सारे लोग मिलकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं तो प्रोडक्शन हाउस पर भारी पड़ जाए।
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दादा,हम सब इन सभी लोगो के साथ सहानुभूति रखते हैं और E-24 के पूरे समूह को धिक्कारते हैं। सभी बंधुओं भगिनियों को सलाह है कि न्याय व्यवस्था पर यकीन करें और संवैधानिक तरीके से कोर्ट जा कर इनका बैंड बजा दें ताकि इन शर्मनाक घटनाओं का दोहराव न हो.....
ReplyDeleteE-24 थू थू छी छी शर्म शर्म.....
दादा ये कसे बिडम्बना है की हम सबकी आवाज़ बुलंद करते है , पर खुद केलिए लड़ नहीं सकते . भगवान् उन ३० लोगो को जल्दी नोकरी देदे .
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