करूणाकर के लिए भागदौड़ में लगे अमित द्विवेदी, जिनके जीवन का फंडा है- किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार, किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार, जीना इसी का नाम है.......।
चेहरे पे आई रौनकः डा. रूपेश की त्वरित आयुर्वेदिक थिरेपी के बाद से करूणाकर न सिर्फ भर पेट खा पी रहा है बल्कि दर्द गायब होने से वह जी भर सो रहा है। उससे उसके चेहरे पर अब अनायास मुस्कान आ जाती है और भड़ासियों को देखते ही खिलखिलाने लगता है। ज़िंदगी के प्रति उम्मीदें बढ़ती देख वो अब फिर से जीने का अर्थ तलाशने लगा है।
बाएं से दाएं- डा. रूपेश श्रीवास्तव, करूणाकर मिश्रा, अमित द्विवेदी और यशवंत सिंह।
चेहरे पे आई रौनकः डा. रूपेश की त्वरित आयुर्वेदिक थिरेपी के बाद से करूणाकर न सिर्फ भर पेट खा पी रहा है बल्कि दर्द गायब होने से वह जी भर सो रहा है। उससे उसके चेहरे पर अब अनायास मुस्कान आ जाती है और भड़ासियों को देखते ही खिलखिलाने लगता है। ज़िंदगी के प्रति उम्मीदें बढ़ती देख वो अब फिर से जीने का अर्थ तलाशने लगा है।
बाएं से दाएं- डा. रूपेश श्रीवास्तव, करूणाकर मिश्रा, अमित द्विवेदी और यशवंत सिंह।
आमीन
ReplyDeleteभड़ासी नहीं हूं लेकिन विजिट करता रहता हूं। पिछले दिनों जो भी हुआ उससे आहत था क्योंकि भड़ास की पहचान अब गरियाने वाले ब्लॉग नही बुद्धजीवी ब्लॉग के रूप में होने लग थी। खैर जाने तो दिन है रात भी होगी ही। करुणाकर को बचाने की जो मुहीम चला रहे हैं। वहां काबिलेतारीफ है। यह सिर्फ एक मुहिम मिशन है। करुणाकर जैसे कई करुणाकरों को बचाने की।
ऐसे कामों को करने के लिए खुदा आपके कंधों में बल और झोली में बरकत बख्शे।
आमीन
खबरीलाल
kaasss....?????????me bhee is khusi me shamil ho pata.
ReplyDeleteकरुणाकर का खिलखिलाता चेहरा यह एहसास दिला रहा है कि हम भड़ासियों का पयास सफल रहा। यशवंत जी, रुपेश जी, अमित जी व सभी भड़ासियों को ढेर सारी बधाई।
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