6.7.08

लोहे से लोहा काटती पुलिस

एक हैं रामसहाय गुर्जर। इन दिनों महाशय का आतंक राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की पुलिस झेल रही है। बीहड़ में डकैत हैं रामसहाय गुर्जर। कल तक इनकी डकैत कमल गुर्जर से खूब छनती थी लेकिन अब पुलिस कमल गुर्जर के जरिए रामसहाय तक पहुंचने की फिराक में है। कमल गुर्जर गुर्जर आंदोलन के दौरान राजस्थान की मुख्यमंत्री को धमकी तक दे डाली थी। धमकी जगन गुर्जर ने भी दी थी। जगन पर अब दस लाख का ईनाम घोषित कर दिया गया है। राजस्थान और मध्यप्रदेश की पुलिस हाथ धोकर उसके पीछे पड़ गई है। कमल का भाई भी उसका साथ छोड़कर समर्पण कर चुका है। ऐसे में कमल भी समर्पण का मन बना रहा है। उसे जरूरत है तो किसी ऐसे विश्वस्त की जो उसकी जान सलामती का भरोसा दे सके। कमल की इसी कमजोरी का फायदा उठाकर पुलिस कमल के जरिए रामसहाय तक पहुंचने की जुगत लगा रही है। कहा जाता है कि रामसहाय इन दिनों धौलपुर के जंगलों में डेरा डाले हुए है। यह इलाका कमल गुर्जर का कहा जाता है। रामसहाय के पास मुरैना और ग्वालियर की कुछ पकड़ भी हैं।

3 comments:

  1. अच्छी कोशिश है पुलिस की।

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  2. योगेश भाई,गुर्जरों को आरक्षण सरकार ने दिया है वो भी उन्होंने लट्ठ की दम पर लिया है तो मैं चाहता हूं कि सरकार उन्हें बीहड़ में भी संरक्षण व आरक्षण दे न कि इनाम विनाम घोषित करके मुसीबत में डाले......
    जय जय भड़ास

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  3. योगेश भाई,
    इन बीहड़ निवासियों का कारण भी पुलिस और इनके आतंक राज का कारण भी पुलिस. बेहतर हो अगर इनके मुख्यधारा की और उन्मुख होने में सरकार पहल करे ना कि इनको इनामी बेनामी करार देकर हमारे नामाकूल पुलिस वालों के वाहवाही का कारण बने.
    सकारात्मक सोच का परिचय देते हुए समाज के सभी पक्षों को अपे विश्वास में ले जिसमे हमारे ये बीहड़ वासी मित्र भी हैं.
    जय जय भड़ास

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