आदरणीय सुल्तानपुर के बदतमीज, बदतहजीब, बददिमाग,बदमिजाज, बदअक्ल, बदशक्ल, बेवफा, बेहया, बेगैरत, बेमुरौव्वत, बदजुबान,बदगुमान शख्स पंडीत जगदिश जी त्रिपाठी जी को ताउ की सुबह सुबह प्रणाम !
इब आप पुछोगे कि बिना बात सुबह सुबह क्या प्रणाम ?तो भाइ नाराज क्यु हो रे हो ?ताउ को आज सुबह सुबह सपना आ गया कि ताउ वाइरल फीवर से तडपरहा है ! और भडासाधीश यशवंत जी , परम पंडीत जगदीश जी त्रिपाठी ,और अपनै संत शिरोमणी नीरव जी ताउ को दिखाने परम भडासी डा. श्रीवास्तव जी के पास पहुंच गये ! वहा जाकर -----
ताउ--अरे भाइ डाग्दर साब कोई ऐसी दवाइ दो जिससेमैं मर भी जाउ ओ वापस जिंदा हो जाउ ! क्युंकी मेरा मन इन भडासिया मे लग्या हुया सै ! और इबी मेरी मरण की इच्छा कोनी !
डाक्टर श्रीवास्तव -- अरे ताउ तन्नै सुबह सुबह मैं ही मिल्या था के ?अरे मैं तो जिंदा नै अच्छी तरिया जिंदा रख सकु हूँ ! अगर तन्नै मर के जिंदा ही होणा सै तौ मेरे धोरै के करण आया सै ?चल निकल ले एकता कपूर के पास !
इब थम बताओ ताउ का फीवर कुण तारेगा ?ताउ घणा परेशान सै !
खुद को काबू में रखें,पीसी बापू आप
ReplyDeleteलव-फीवर के जाल में,मिले बहुत संताप
मिले बहुत संताप,बने क्यों बाप भड़ासी
करते रहिए आप,सभी की दूर उदासी
खुद को काबू में रखें,पीसी बापू आप
ReplyDeleteलव-फीवर के जाल में,मिले बहुत संताप
मिले बहुत संताप,बने क्यों बाप भड़ासी
करते रहिए आप,सभी की दूर उदासी
ताऊ जी,एकता कपूर कालाजादू जानती है और मैं आयुर्वेद तो मर कर जिन्दा होना तो उसी से सीखा जा सकता है।
ReplyDeletemaza aa gaya
ReplyDeleteaise he likte raho taoo
sanjay, jaipur
waah waah maja aa gaya,
ReplyDeletedoctor saab jaldee se iska bhi ilaj seekhiye ki bas bhadase forte rahenge ;-)
bahoot se bhadasiyon ka kalyan ho jayega
jay jay bhadas