इस दुनिया में दोस्त तभी तक हैं जब तक आप स्वस्थ, खुशहाल और तरक्की की राह पर हों। जिस दिन आप अकेले हो जाते हैं, किसी भी तरह पीड़ित हो जाते हैं, संघर्ष की स्थिति में होते हैं, परेशान और दुख से भरे होते हैं.....उन दिनों में आपका साया भी आपका पीछा छोड़ जाता है। ये बातें कोई नई नहीं हैं पर हम अक्सर इसे भूल जाते हैं और अपने पद-पैसे के गुरुर में अपनों को भूल जाते हैं। भड़ास हमेशा से ऐसे लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़ा हुआ है जो परेशानहाल हैं।
करुणाकर की मुहिम अभी भड़ास के मोर्चे का मुख्य एजेंडा बना हुआ है तभी एक और दुख भरी खबर हम लोगों तक पहुंचती है। सुनील कुमार गौतम दैनिक हिंदुस्तान, पटना में डिप्टी न्यूज एडीटर हैं लेकिन वे इस कदर परेशान हैं कि उनकी पीड़ा को संभवतः कोई समझ ही नहीं सकता। एक वरिष्ठ पत्रकार का पिछले चार वर्षों से जीवन सिर्फ अस्पतालों में बीत रहा है। तरह तरह के इलाज करवा रहे हैं। पर फायदा कोई नहीं। सुनील कुमार गौतम चार वर्षों से अल्सरेटिव कोलाइटिस नामक पेट की बीमारी से पीड़ित हैं। वे अब तक बीएचयू मेडिकल कालेज बनारस, एसजीपीजीआई लखनऊ, आईजीआईएमएस और पीएमसीएट पटना के अतिरिक्त कई निजी गैस्ट्रो क्लीनिकों में इलाज करवा चुके हैं। पर उनकी स्थिति सुधर नहीं रही। इस दौरान सुनील जी के उपचार पर लगभग 10 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं।
अब वे इलाज के लिए एम्स दिल्ली में आ रहे हैं। इलाज कराते कराते सुनील जी का परिवार आर्थिक रूप से टूट चुका है। वे जो कुछ कर रहे हैं सब व्यक्तिगत स्तर पर कर रहे हैं। वे दिल्ली भी खुद के खर्चे पर इलाज कराने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि एम्स में उनका तीन चरणों में आपरेशन होगा जिसमें करीब 5 लाख रुपये खर्च आएंगे। अन्य खर्चे अलग से।
सुनील जो को अब सामाजिक, सामुदायिक और सरकारी मदद मिलनी चाहिए। समाज के जाग्रत लोगों और बुद्धीजिवियों से अनुरोध है कि वे एक वरिष्ठ पत्रकार के दुख में शामिल हों और उन्हें स्वस्थ कराने के लिए आगे आएं। जरूरी नहीं कि आप सिर्फ आर्थिक मदद करें तभी मदद कही जाएगी, आप का भावनात्मक सपोर्ट भी एक दुखी को खुशियां प्रदान कर सकता है। जैसा कि हमारे डाक्टर रूपेश ने पिछले दिनों करूणाकर के मामले में कर दिखाया। मुंबई से दिल्ली आकर 48 घंटे तक मरीज के साथ रहकर उन्हें करुणाकर के चेहरे पर वो मुस्कान ला दी जिसे उसका परिवार देखने को कई महीनों से तरस रहा था।
फिलहाल मैं खुद यह तय नहीं कर पा रहा हूं कि सुनील जी की मदद हम लोग किस तरह कर सकते हैं। करुणाकर के मामले में आर्थिक मदद की अपील बहुत प्रभावी नहीं रही इसलिए अब आर्थिक मदद की अपील करने से बचना चाह रहा हूं।
इस बार मैं सभी भड़ासियों और सभी प्रबुद्ध साथियों पर छोड़ रहा हूं कि वो खुद बतायें कि हम लोग इस मामले में क्या करें।
सुनील जी से संपर्क के लिए आप उनसे उनके मोबाइल नंबर 09431080582 पर फोन कर सकते हैं या उनके घर के लैंडलाइन फोन 0612-2578113 पर काल कर सकते हैं। सुनील जी का बैक एकाउंट नंबर भी भड़ास के पास भेजा गया है जो इस प्रकार है - bank account no - 2201050040687 HDFC bank।
पटना के एक भड़ास के शुभचिंतक साथी ने सुनील जी के मामले को भड़ास तक पहुंचाया, इसके लिए मैं उनका दिल से आभारी हूं।
जिस तरह करूणाकर के इलाज व देखरेख का जिम्मा एक भड़ासी साथी व पत्रकार अमित द्विवेदी ने उठा रखा है, उसी तरह अगर कोई साथी सुनील जी के मामले में आगे आए तो कोई पहल की जा सकती है।
फिलहाल तो मैं सुनील जी के दुख में खुद को शामिल कर रहा हूं। हम सब मिलकर सोचते हैं कि हमें क्या करना चाहिए।
दिल्ली के पत्रकार यूनियनों, सरकार के मंत्रियों, बुद्धिजीवियों आदि से हम किस तरह संपर्क कर सुनील जी के लिए कुछ कर सकते हैं, इस बारे में आप सभी के विचार आमंत्रित हैं।
Yashvant ji,
ReplyDeleteAap ne dard samjha, yah aap ki mahanta hai.
Aap jald koi faisla lekar pahal kijiye, ham sath hain.
दादा,क्या लोग ऐसे मामलों में जरा भी गम्भीर होते हैं कि करुणाकर मिश्र या सुनील जी जैसे लोगों का दर्द समझ सकें....... आर्थिक मदद की अपील का हाल तो हमारे सामने है..... मैं इस विषय में बस इतना कह सकता हूं कि अल्सरेटिव कोलायटिस कोई ऐसी बीमारी नहीं है कि जिसमें इतना समय और धन व्यय हुआ है सिर्फ़ डाक्टरों ने अंधेरे में तीर चला-चला कर रोग बिगाड़ दिया है......
ReplyDeletewe should have to take some decision about sunilji. we cannot hold this matter to press unions of delhi. yashwantji you should have to take a initiative, and all of us are with you. i will try to help sunilji as quick as possible.
ReplyDeletechota munh par badi baat. main sunil ji ke saath hoon, aadesh karen...
ReplyDeletegautam ji ke saath kaam kiya hai maine. Jitne umda patrkar hain usse bhi badhiya insaan.
ReplyDeleteHum haath par haath dhare baithe rahe to uparwala phir hame kabhi maaf nahi karega.
दद्दा,
ReplyDeleteदुखद है ये, हम गौतम भाई के इस विषद के समय साथ हैं, और हाँ इस स्थिति पर सबसे अच्छी राय डॉक्टर साब ही दे सकते हैं..