27.7.08

धमाके, मौतें, आंसू, आश्वासन.....कब तक?

फ़िर धमाके, फ़िर मौतें, फ़िर आश्वासन, फ़िर बयांवाजियाँ, फ़िर न झुकने की बातें, फ़िर????????????????फ़िर वही धमाके.


अभी और कुछ नहीं, बस इतना ही कि कब तक ये आंसू बहेंगे? कब तक??????????


3 comments:

  1. मैं शर्त लगा कर कह सकता हूं कि ये आंखें किसी एलियन यानि परग्रहीय प्राणी की हैं...... लेकिन आंसू तो धरतीवासियों के जैसे ही हैं एकदम बड़े-बड़े....

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  2. गुरुवार सत्य कहा मगर थोडा सा मैं सुधारूँगा, धरतीवासी के आँसू हों या ना हों मगर हाँ भारतवासी के आँसू तो नि:संदेह हैं.

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