15.7.08

इंशाअल्लाह नंबर वन ही रहेंगे

राजस्थान पत्रिका में ब्लागिंग पर छपी रिपोर्ट और उसमें यशवंत जी कथन बहुत अच्छा लगा।सिर्फ इसलिए नहीं कि हम भड़ासी हैं.इसलिए कि हम दब कुचले हैं,लेकिन

सो रहे हैं आज हम नीचे खुले आकाश के।

देखना पन्ने बनेंगे एक दिन इतिहास के।

और

-हमने जब भी पंख खोले हैं उड़ानों के लिए

हम चुनौती बन गए हैं आसमानों के लिए

जहां तक भड़ास पर अभद्रता का आरोप लगने की बात है तो हम देसज यथार्थ में जीने वाले लोग हैं। हमें कोई सफाई नहीं देनी है क्योंकि हम जानते हैं

-यह खामोशमिजाजी तुम्हें जीने नहीं देगी

इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो

और कोई कुछ भी कह ले भड़ासी नंबर वन हैं। इंशाअल्लाह नंबर वन ही रहेंगे

जगदीश त्रिपाठी

3 comments:

  1. वाह भाई पंडीत त्रिपाठी जी ! आप तो बहुत ही ज्यादा शरीफ बन गए हो ! इतना शरीफ बनने की भी जरुरत नही है !
    खैर आपको बहुत धन्यवाद !

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  2. राजस्‍थान पत्रिका तो कम से कम उपलब्‍ध करा देते तो हम भी उसका मजा ले लेते ।

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  3. भाई अवस्थी जी,राजस्थान पत्रिका उपलब्ध है.थोड़ा सा पहले की पोस्टों पर जाएं.यशवंत जी पोस्ट आपको मिल जाएगी.

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